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24 दिन तक बिना खाए-पीए सोता रहा शख्स, जानिए कैसे बचा जिंदा
Last Updated on October 31, 2022 by sintu kumar
एक शख्स 24 दिन तक गहरी नींद में चला गया (A man went into deep sleep for 24 days) । मगर जगने के बाद भी जिंदा था। हैरानी की बात यह है कि वह कैसे 24 दिन तक बिना खाए-पीए सोता रहा और जिंदा भी बच गया। इस बात को देखकर डॉक्टर भी हैरान हैं (Even the doctors are surprised) । आइए आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताते हैं जो 24 दिन तक गहरी नींद में चला गया। यह बात वैज्ञानिकों और डॉक्टरों (scientists and doctors) की समझ से भी परे है कि आखिरकार यह शख्स जिंदा कैसे बच गया। यह कहानी है जापान के सिविल सर्वेंट मित्सुटाका उचीकोशी की। उसके साथ वर्ष 2016 में कुछ ऐसी घटना हुई कि जिसने को सबको हैरान कर देने पर मजबूर कर दिया। सात अक्टूबर 2006 के दिन 35 वर्ष के मित्सुटाका (Mitsutaka) अपने दोस्तों संग जापान के प्रसिद्ध ट्रैक माउंट रोको की यात्रा करने के लिए निकल पड़े। ट्रैक की यात्रा का आनंद लेने के बाद वे वापस लौटने लगे। इस माउंट रोको ट्रैक (MountRokoTrack) पर यूं तो लोग केबल तार के जरिए भी जाते हैं मगर शौकीन पैदल ही जाते हैं। इसी शौक के मित्सुटाका भी अपने दोस्तों संग पैदल ही ट्रैक की यात्रा के लिए निकल गया। इस दौरान पैदल चलते-चलते वे सभी भटक गए। घना जंगल था तो रास्ते का पता भी नहीं चल पा रहा था।
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उसने नदी की तलाश (Search) करनी शुरू कर दी। जल्द उसे नदी भी मिल गई। वह पानी के बहाव की दिशा में आगे बढ़ने लगे। कुछ दूरी पर जाकर उसका पैर फिसला और कूल्हे की हड्डी टूट गई। मगर मित्सुटाका ने हार नहीं मानी। रात का समय था और ठंड भी। बावजूद वे आगे बढ़ते रहे। उनके पास थोड़ा सा पानी और सॉस का एक पैकेट था। इस प्रकार वे यात्रा करते रहे। तब अगले दिन जैसे ही धूप निकली तो नींद आने लगी। उन्होंने थोड़ा आराम करने की सोची। मगर नींद इतनी गहरी पड़ी कि वे 24 दिन तक ही सोए रहे। जब नींद टूटी तो खुद को अस्पताल में पाया। आठ अक्टूबर 2006 के दिन (8th October 2006) मित्सुटाका सोया था मगर जब नींद खुली तो 31 अक्टूबर 2006 का दिन था। इसी दिन एक हाइकर की नजर मित्सुटाका पर पड़ी। पहली नजर में देखने पर वह उसे मृत नजर आ रहा था। हाइकर ने उसे अन्य लोगों की मदद से कोबे सिटी अस्पताल में पहुंचाया। उसके शरीर का तापमान 22 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका था। वहीं अंदरूनी अंग काम करना बंद कर चुके थे। ताज्जुब इस बात का था कि मित्सुटाका तब भी जिंदा था। वह बिना खाए-पीए 24 दिनों तक जिंदा रहे। लगभग 2 महीने डॉक्टर्स की देखरेख में रहने के बाद मित्सुटाका फिर से एक आम जिंदगी जीने लगे। मेडिकल साइंस की टीम कर रही खोज लेकिन इस केस को स्टडी करने वाले डॉक्टर आज भी कंफ्यूज हैं कि आखिर ऐसा कैसे हुआ। वहीं मेडिकल साइंस की एक बड़ी टीम आज भी उस तरीके की खोज कर रही है, जिसकी मदद से मनुष्य के शरीर को हाइबरनेशन की स्थिति में डाला जा सके।