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सरकार के खोखले दावों की तस्वीर, बीमार महिला 25 किमी कुर्सी, पीठ पर उठाकर सड़क तक पहुंचाई
Last Updated on June 21, 2021 by Vishal Rana
कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के कई दुर्गम क्षेत्र आज भी सड़क (Road) की सुविधा से वंचित हैं। यहां के लोग आज भी अपनी पीठ पर बोझा ढोने केा मजबूर हैं। बीमारी की हालत में मरीजों को कई किमी पैदल चलकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। ऐसा ही मामला कुल्लू (Kullu) जिला के बंजार की सैंज घाटी के सबसे दुर्गम क्षेत्र गाड़ापारली पंचायत के दुर्गम गांव शाक्टी में सामने आया। बीमारी की हालत में लोगों को 25 किलोमीटर कंधों पर उठाकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। इस गांव से हर दिन सरकार के खोखले दावों की तस्वीर वायरल होती रहती है। गांव की महिला (Woman) को ग्रामीणों ने 25 किलोमीटर दूर सड़क तक पहुंचाया। महिला हरा दासी (45) पत्नी लग्न चंद को पेट में दर्द था। जब उसका दर्द कम नहीं हुआ तो सोमवार सुबह ग्रामीणों (villagers) ने उसे कुर्सी और पीठ पर उठाकर ही मुख्य सड़क निहारनी तक पहुंचाया। सैंज में एक निजी क्लीनिक में महिला का उपचार किया गया।
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फिलहाल महिला की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। गांव तक सड़क नहीं निकाले जाने को लेकर ग्रामीणों में सरकार के प्रति रोष है। पंचायत प्रधान यमुना देवी, उपप्रधान अजय, पंचायत समिति सदस्य शैंशर धर्मपाल, वार्ड पंच निर्मला देवी ने कहा कि गांव सड़क से 25 किमी दूर है। गांव की पैदल रास्तों की हालत भी खस्ता है। जब कोई बीमार पड़ जाता है तो ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं। कई बार मरीज आधे रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। सैंज संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि समिति ने शाक्टी और मरोड़ गांवों को सड़क से जोड़ने के लिए सीएम जयराम को ज्ञापन भी सौंपा है। अभी मामला ठंडे बस्ते में है। पैदल रास्तों की मरम्मत भी नहीं हो रही है। शाक्टी और मरोड़ के लिए एंबुलेंस सड़क का निर्माण किया जाना चाहिए। बंजार विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा कि सड़क के लिए प्रपोजल बनाया गया है। अगर लोग जमीन देते हैं तो सड़क की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सकती है।
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