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शिमला। शराब के अवैध कारोबार (Illegal Liquor Traders) पर रोक लगाने के लिए ट्रैक एंड ट्रेस पॉलिसी (Track And Trace Policy) अपनाने का निर्णय लिया है। इस प्रणाली को लागू करने के लिए निविदाएं भी आमंत्रित कर ली हैं। हिमाचल विधानसभा (Himachal Assembly) के बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान सुजानपुर से विधायक राजेंद्र राणा ने सरकार से पूछा था कि अवैध शराब के कारोबार पर नियंत्रण लगाने के लिए क्या प्रदेश सरकार ट्रैक एंड ट्रेस पॉलिसी अपनाएगी।
इस पर सरकार की तरफ से लिखित जवाब में कहा गया कि प्रदेश सरकार ने इस प्रणाली को लागू करने के लिए निविदाएं भी आमंत्रित कर दी हैंं और केवल एक कंपनी (Company) और इसके पार्टनर द्वारा आवेदन किया गया है। उम्मीद लगाई जा रही है कि जल्द ही ट्रैक एंड ट्रेस पॉलिसी को अपनाकर अवैध शराब पर शिकंजा कसा जा सकेगा।
ट्रैक एंड ट्रेस पॉलिसी के तहत साइबर पुलिस (Cyber Police) की सहायता से संदिग्धों के मोबाइल फोन ट्रैकिंग पर लगाए जाते हैं, ताकि शराब के अवैध कारोबार को जड़ से खत्म किया जा सके। इस प्रणाली की सहायता से जहरीली शराब बेचने वाले धंधे के किंगपिन तक सरकार आसानी से पहुंच सकेगी। इस प्रणाली से आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाने में भी सहायता मिलेगी।
बताते चलें कि पिछले दिनों जहरीली शराब के कारण 7 लोगों की जान जाने और उसके बाद सरकार की नशा माफिया (Drug Mafia) पर सख्ती को लेकर चर्चा में है। जहरीली शराब का सेवन करने से सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) के गृह जिला में सात लोग काल का ग्रास बने थे। उसके बाद जनता के आक्रोश को देखते हुए सरकार ने अवैध शराब का धंधा करने वालों पर लगातार एक्शन लिया। यही नहीं, कैबिनेट बैठक में नशे के खिलाफ नई नीति का भी ऐलान किया गया। हिमाचल में पहली बार नशे के खिलाफ नीति बन रही है।
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