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कोरोना संक्रमित होने के बाद डॉक्टर की याददाश्त पर पड़ा असर, कर ली आत्महत्या
पटना। देश में कोरोना (Corona) के बढ़ते मामलों के साथ दूसरी वेव का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि बड़े स्तर पर कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) भी हो रही है। इसके साथ ही पहली अप्रैल से कोरोना वैक्सीनेशन (Vaccination) का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है। पहली अप्रैल से 45 साल से ज्यादा उम्र के हर व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाई जाएगी, लेकिन अभी कोरोना के मामलों की जो खबरें सामने आ रही हैं वो कहीं ना कहीं परेशान करने वाली है।
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दरअसल, यह बात सभी जानते हैं कि कोरोना के कुछ मामलों में ज्यादा कॉम्प्लिकेशन (Complication) देखने को मिलती है। कुछ मामलों में देखा गया है कि कोरोना संक्रमित मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा असर पड़ता है। ऐसा ही एक एक मामला बिहार के जमुई में देखने को मिला। यहां एक डॉक्टर कोरोना संक्रमित हुए और डॉक्टर (Doctor) की याददाश्त काफी ज्यादा असर पड़ा। इससे परेशान होकर डॉक्टर ने खुदकुशी कर ली।
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जानकारी के मुताबिक जमुई के गिद्धौर प्रखंड में डॉक्टर (Doctor) ने अपने सरकारी आवास पर ही पंखे से लटककर आत्महत्या (Suicide) कर ली। मृतक डॉक्टर रामस्वरुप चौधरी दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Community Health Center) के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के पद पर तैनात थे। डॉक्टर ने एक सुसाइड नोट भी लिखा है। बताया जा रहा है कि डॉक्टर के इस सुसाइड नोट में लिखा गया था कि कोरोना संक्रमित होने के बाद याददाश्त (Memory) काम नहीं कर रही थी, नींद नहीं आ रही थी, पागलपन जैसा महसूस हो रहा था, इसलिए मैं अपनी जान (Suicide) दे रहा हूं।