-
Advertisement
Pong में #Birdflu के चलते मछली पकड़ने पर लगी रोक हटी, DC कांगड़ा ने जारी किए आदेश
Last Updated on February 8, 2021 by Sintu Kumar
धर्मशाला। पौंग झील में मछली पकड़कर (Fishing) अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले मछुआरों सहित पौंग की मछली खाने के चाह्वानों को राहत मिल गई है। कांगड़ा (Kangra) की पौंग झील (Pong Lake) में बर्ड फ्लू के चलते प्रवासी पक्षियों की मौत के बाद झील में मछली पकड़ने पर लगी रोक हटा दी गई है। डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने कहा कि अधिकारियों से पौंग झील की मौजूदा रिपोर्ट मांगी गई थी, रिपोर्ट में सामने आया है कि पौंग झील में कुछ दिन से कोई भी प्रवासी पक्षी मृत नहीं मिला है। इसी के चलते आज इस रोक को हटाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं । पौंग झील में कुछ दिन से कोई भी प्रवासी पक्षी मृत नहीं मिला है। पिछले कल भी कोई पक्षी मृत नहीं मिला था। इससे पहले दो या तीन इस तर पक्षी मिल रहे थे। पौंग झील में 5,004 प्रवासी पक्षी अब तक मृत मिल चुके हैं।
यह भी पढ़ें: पौंग झील से छंटने लगा #Birdflu का साया, राहत भरी है यह खबर- जरूर पढ़ें
बता दें कि आज से करीब 40 दिन पहले पौंग झील में प्रवासी पक्षियों की मौत का सिलसिला शुरू हुआ था। काफी संख्या में पक्षी मृत मिले थे। पक्षियों के मृत मिलने से प्रदेश सरकार को जिला प्रशासन अलर्ट हो गई थी। मृत पक्षियों के सैंपल जांच को पहले जालंधर और फिर भोपाल लैब भेजे थे। दोनों की लैब से बर्ड फ्लू (#Birdflu) की पुष्टि हुई थी। इसके बाद डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति (DC Kangra Rakesh Prajapati) ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश किए थे। उन्होंने पौंग झील में किसी भी प्रकार की मूवमेंट पर प्रतिबंध लगा दिया था। पौंग झील के एक किलोमीटर एरिया को अलर्ट जोन (Alert Zone) घोषित किया है और एक किलोमीटर के बाद के 9 किलोमीटर क्षेत्र को निगरानी जोन घोषित किया है। पौंग झील में मछली पकड़ने और पशुओं को छोड़ने को लेकर सख्त मनाही है। नियमों की अवहेलना करने वालों को पचास हजार जुर्माने के साथ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। इसी के चलते एक माह से अधिक समय से मछुआरे पौंग झील में मछली पकड़ने नहीं जा पा रहे हैं। उनकी नावें सूखें में पड़ी हैं। साथ ही मछली पकड़ने के जाल भी पानी में हैं। वहीं, पौंग की मछली के चटकारे लगाने वालों को भी मछली नहीं मिल पा रही है। गौरतलब है कि पौंग झील की मछली की डिमांड पंजाब तक है। संगाड़ा प्रजाति की मछली पंजाब में बहुत पसंद की जाती है और अच्छे दामों पर बिकती है। पहले कोरोना के चलते और अब बर्ड फ्लू के कारण पौंग की मछली खाने के चाह्वान इससे वंचित रह रहे थे। वहीं, सैकड़ों की संख्या में लोग मछली पकड़ने के कारोबार से जुड़े हैं। कुछ की इनकम का सोर्स ही मछली है।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group