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ऐसे निकेलगा बैंक में फंसा पैसा, अब तक 1 लाख ग्राहकों को हुआ फायदा
केंद्रीय रिजर्व बैंक (Central Reserve Bank) ने पिछले कुछ साल कई बैंकों पर कार्रवाई की है। इस दौरान कई बैंकों का लाइसेंस कैंसल किया गया, जबकि कई बैंकों पर कठोर पाबंदिया लगा दी गई। इन परिस्थितियों में कई ग्राहकों की रकम बैंक में फंस गई। जिसके चलते ग्राहकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं, अब ऐसे ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है। अब ग्राहक जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम यानी डीआईसीजीसी के तहत बीमा रकम ले सकते हैं।
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बता दें कि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) भारतीय रिजर्व बैंक की सहायक इकाई है। गौरतलब है कि इस समय 20 से ज्यादा सहकारी बैंक हैं, जो आरबीआई के स्थगन के तहत हैं। इन बैंकों में डिपॉजिट करने वाले ग्राहकों को 5 लाख रुपये तक की बीमा रकम देने का नियम है। जानकारी के अनुसार, जिन बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने प्रतिबंधित कर रखा है, उनमें एक लाख से अधिक डिपॉजिटर्स ने दावे किए थे। जिसके चलते उनके वैकल्पिक बैंक खातों में 1300 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है। भारत में कार्यरत सभी वाणिज्यिक बैंकों में सभी तरह की जमा-धनराशियों जैसे बचत, फिक्स्ड, चालू, सावधि जमा आदि को शामिल किया गया है। इसके अलावा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यरत राज्य, केंद्रीय और प्राथमिक सहकारी बैंकों को भी इसके दायरे में रखा गया है।