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भाई-दूज आज, जानें तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त और कथा
भाई दूज (Bhai Dooj) बहन-भाई के रिश्ते को समर्पित है। इस दिन बहने अपने भाई को तिलक (Tilak) लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। भाई दूज के त्योहार को लेकर इस बार लोगों को थोड़ा कन्फ्यूजन है। क्योंकि द्वितीया तिथि दो दिन विद्यमान रहेगी। ऐसा अमावस्या तिथि का मान बढ़ने से हुआ है। वहीं, ज्योतिषाचार्यों की माने तो 15 नवंबर को ही भाई दूज का त्योहार मनाया जाएगा। भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। 14 नवंबर को प्रतिपदा तिथि दोपहर लगभग दो बजे तक रहेगी। इसके बाद द्वितीय लग जाएगी जो अगले दिन 15 नवंबर को दोपहर लगभग पौने दो बजे समाप्त हो जाएगी।
तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)
15 नवंबर को दोपहर एक बजकर 45 मिनट से पहले कभी भी बहनें भाई को तिलक कर सकती हैं। बुधवार का दिन और शुक्रमा योग में भाई दूज का पर्व पड़ने से इसका विशेष महत्व होगा। इस दिन शनि देव व यम की पूजा करने से आपके सारे संकट दूर होंगे।
भाई यम का बहन को वरदान
पौराणिक मान्यता के अनुसार, सूर्यपुत्र यम और उनकी पुत्री यमुना (Yamuna) में अगाध प्रेम था लेकिन बार-बार बहन के बुलाने पर भी यमदेव (Yamdev) उनके पास नहीं पहुंच पाते थे। एक बार यमुना द्वारा विशेष आग्रह करने पर यमदेव अपनी बहन यमुना के घर गए तो यमुना ने भाई का स्वागत किया और उन्हें भोजन कराया। यमदेव ने बहन को वरदान दिया कि कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन जिसे यम द्वितीया कहते हैं जो भी भाई बहन के घर भोजन करेगा उसे कभी भी उनकी पीड़ा नहीं सताएगी। इसी उपलक्ष्य में भाई दूज का पर्व मनाया जाता है।