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हिमाचल कैबिनेट फैसले: हर विधानसभा में खुलेगा मुख्यमंत्री मोबाइल क्लिनिक, चिकित्सा अधिकारियों के भरे जाएंगे 144 पद
शिमला। हिमाचल कैबिनेट (Himachal cabinet) की बैठक सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित की गई। बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। कैबिनेट ने विभिन्न विभागों में विभिन्न श्रेणियों के सैकड़ों पदों को भरने की मंजूरी दी। कई जगह पटवार सर्कलों को खोलने की मंजूरी दी। कई नए स्कूलों (New Schools) को खोलने व स्तरोन्नत करने की भी मंजूरी दी है। कैबिनेट ने स्वास्थ्य विभाग (Health Department) में अनुबंध के आधार पर चिकित्सा अधिकारियों के 144 पदों को सृजन व भरने की मंजूरी दी।
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राज्य के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक मुख्यमंत्री मोबाइल क्लिनिक (Chief Minister Mobile Clinic) शुरू करने की स्वीकृति दी। इन मोबाइल क्लीनिकों में दूरदराज के क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं तक कम पहुंच वाले लोगों के लिए एक सामान्य चिकित्सक, विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा दवा के वितरण, बुनियादी प्रयोगशाला सेवाएंए टीकाकरण सुविधाए टेस्ट व परामर्श की सुविधाएं होंगी। लोक निर्माण विभाग (PWD) में सड़कों के रखरखाव व अन्य शासकीय कार्यों के लिए 5000 श्रमिकों की भर्ती के लिए नीति के मसौदे को कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान की। इनकी नियुक्ति 4500 रुपए प्रति माह के मानदेय पर की जाएगी।
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कैबिनेट ने 2015 और 2016 में नियुक्त पुलिस कांस्टेबलों (Police Constables) की श्रेणियों को राष्ट्रीय आधार पर उच्च पूर्व संशोधित पे बैंड और ग्रेड पे देने की अनुमति देते हुए उच्च वेतनमान प्रदान करने का निर्णय लिया। चूंकि नए संशोधित वेतन नियम (New Revised Salary Rules) जनवरी 2016 से प्रभावी हो गया है। कांस्टेबलों के पास अब वेतन निर्धारण का विकल्प है और वेतन के बकाया का भुगतान संशोधित नियमों के तहत उनके विकल्पों पर निर्भर करेगा।
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मंत्रिमंडल ने मंत्रियों के वेतन और भत्ते (हिमाचल प्रदेश) अधिनियम, 2000 की धारा 12ए हिमाचल प्रदेश विधानसभा (Himachal Pradesh Legislative Assembly) (सदस्यों के भत्ते और पेंशन) अधिनियम, 1971 की धारा 11-ए को हटाने के लिए एक अध्यादेश जारी करने का भी निर्णय लिया। आयकर जो वर्तमान में राज्य सरकार की ओर से भुगतान किया जा रहा है और अब सदस्यों की ओर से व्यक्तिगत तौर पर इसका भुगतान किया जाएगा।
कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश औद्योगिक विकास नीति-2019 व हिमाचल प्रदेश में निवेश प्रोत्साहन के लिए प्रोत्साहन, रियायतें एवं सुविधाएं प्रदान करने संबंधी नियम-2019 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की। साथ ही औद्योगिक निवेश नीति-2019 को 31 दिसंबर] 2025 तक बढ़ाने को भी स्वीकृति प्रदान की। कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया है कि सीएम स्वावलंबन योजना (CM Swavalamban Scheme) के तहत महिलाओं व दिव्यांगों को मिलने वाले अनुदान को बढ़ाकर 35 प्रतिशत व अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को मिलने वाले अनुदान को बढ़ाकर 30 फीसदी किया गया।
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इसके अतिरिक्त उन्नत डेयरी विकास परियोजना (Advanced Dairy Development Project) में राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में न्यूनतम तीन गायों] तीन भैंसों की इकाई व राज्य के अन्य क्षेत्रों में न्यूनतम पांच गायों] पांच भैंसों की इकाई को शामिल करने की स्वीकृति दे दी गई। इस गतिविधि के अलावा पशुओं की खरीद पर अनुदान देने को भी मंजूरी दी गई। इसके अतिरिक्त यंत्रीकृत कृषि उपकरण] खेती के लिए उपयोग किए जाने वाले कंबाइन और हार्वेस्टर, ट्रैक्टर को छोड़कर गतिविधियों को भी मंजूरी दे दी गई है। जल्द ही विभाग की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
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सरकार के अनुसार मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अंतर्गत पिछले चार सालों में 3758 औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं, जिनमें 10253 लोगों को रोजगार मिला है। इसमें 623.92 करोड़ रुपए का निवेश शामिल है। हिमाचल प्रदेश में चार साल में बैंकों की ओर से 6429 इकाइयों को मंजूरी दी गई है। इन इकाइयों में 264.46 करोड़ रुपए का अनुदान शामिल है। वर्ष 2021-22 के दौरान 3000 लक्ष्य रखा गया था। अभी तक 3042 इकाइयां बैंकों द्वारा स्वीकृति की, जिनमें 542.02 करोड़ रुपए का निवेश व 6967 लोगों को रोजगार देना प्रस्तावित है।