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शीतकालीन सत्र: सदन में कर्ज लेने की सीमा बढ़ाने सहित दो विधेयक पारित, डिप्टी सीएम ने रखा प्रस्ताव
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश की चौदहवीं विधानसभा के शीत सत्र (winter session) के तीसरे व अंतिम दिन सदन में प्रदेश में कर्ज लेने की सीमा बढ़ाने (Increase Limit of Taking Loans) का विधेयक पारित किया गया। शुक्रवार को इस विधेयक को पारित (Bill Passed) करने का प्रस्ताव सदन में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने रखा। मुकेश ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में हिमाचल प्रदेश पर करीब 74,622 करोड़ रुपए कर्ज हो जाएगा। बीजेपी की पिछली सरकार ने 26,716 करोड़ रुपए का कर्ज (Loan) लिया है। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) ने सदन में राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंध (एफआरबीएम) संशोधन विधेयक 2023 को पारित करने का प्रस्ताव रखा।
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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ऐसा कहा है। इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इसके तहत वर्ष 2022-23 में राज्य के जीडीपी का 6 फीसदी कर्ज लिया जा सकेगा। 2023-24, 2024-25 में यह सीमा 3.5 प्रतिशत होगी। जबकि इसे सामान्य परिस्थिति में केवल जीडीपी (JDP) का 3 फीसदी तक ही लिया जा सकता है। सदन में जीएसटी (वस्तुएं एवं सेवाएं कर) रिटर्न के सरलीकरण से जुड़ा एक अध्यादेश और इससे संबंधित विधेयक भी सदन में पारित किया गया। इसमें केंद्र सरकार की ओर से वस्तु एवं सेवा कर परिषद की 43वीं और 45वीं बैठकों में सुझाए गए वित्तीय अधिनियम के संशोधन शामिल किए गए हैं।
विपिन परमार ने सदन में अव्यवस्थाओं का मामला उठाया
11 बजे शीत सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले सुलाह के बीजेपी विधायक विपिन सिंह परमार (BJP MLA Vipin Singh Parmar) ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि गुरुवार को राज्यपाल का अभिभाषण हुआ, तो नेता प्रतिपक्ष को वह प्रोटोकॉल नहीं दिया गया, रिसीव करने वालों में उनका नाम नहीं था। विधानसभा शुरू होने से पहले जिस तरह से तालियां बजीं। कांग्रेस के एक नेता अधिकारियों की गैलरी में बैठ गए। भविष्य में इस तरह की व्यवस्था बनाई जाए, जिससे कि यह सब ना हो। स्पीकर कुलदीप पठानिया (Speaker Kuldeep Pathania) ने कहा कि इस बारे में राष्ट्रपति कार्यालय और राजभवन से प्रोटोकॉल तय किया गया है, उसमें स्पीकर, सीएम की तरह नेता प्रतिपक्ष को लेकर स्पष्ट नहीं किया गया है, अदर्स नहीं लिखा गया है। इसके बावजूद भविष्य में इस बात को देखा जाएगा।
जयराम के स्थान पर विपिन परमार ने किया कार्रवाई का संचालन
सदन में सुबह सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर (Jai Ram Thakur) दोनों ही मौजूद नहीं थे। सीएम के स्थान पर कार्रवाई का संचालन उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने किया, जबकि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के स्थान पर सुलाह के विधायक विपिन सिंह परमार ने किया।