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केंद्र ने हिमाचल सरकार से वॉटर सेस की वसूली तुरंत बंद करने को कहा
नई दिल्ली/शिमला। केंद्र सरकार (Central Govt) ने हिमाचल प्रदेश सरकार (Himachal Govt) से वॉटर सेस (Water Cess) लेना तुरंत बंद करने को कहा है। केंद्र सरकार सलाह दी है कि वह बिजली परियोजनाओं से किसी भी तरह की टैक्स ड्यूटी और सेस लेना तुरंत बंद करे। यही सलाह उन सभी राज्यों को दी गई है, जो थर्मल, हाइड्रो या नवीकरणीय स्रोतों से बिजली उत्पादन के मामले में सेस लगा रहे हैं। इस तरह के सेस को तुरंत हटाने के लिए कहा गया है।
हिमाचल सरकार को वॉटर सेस से 2,000 करोड़ रुपये की सालाना आमदनी की उम्मीद थी। लेकिन केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश सहित सभी राज्यों के लिए एक सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर (Circular) में कहा गया है कि कुछ राज्यों की सरकारें विभिन्न स्रोतों से पैदा की जाने वाली बिजली पर अतिरिक्त शुल्क (Additional Duty) लगा रही हैं। यह शुल्क विकास या फंड एकत्रीकरण के रूप में लगाया जा रहा है। तमाम अतिरिक्त शुल्क, फीस या बिजली के उत्पादन में किसी भी तरह का टैक्स या ड्यूटी जो सभी प्रकार के उत्पादन के लिए लगाई जाती है जैसे वायु, सोलर, न्यूक्लियर आदि यह असंवैधानिक (Illegal) है। कानूनी स्थिति ऊर्जा मंत्रालय की ओर से 25 अप्रैल, 2023 को भेजे पत्र में भी स्पष्ट हो चुकी है।