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लोकसभा चुनाव से पहले आठवें वेतनमान की उम्मीद नहीं, सरकार का इनकार
(नेशनल डेस्क) नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) से पहले सरकारी कर्मचारी आठवें वेतनमान (8th pay Commission) की उम्मीद कतई न करें। केंद्र सरकार इस पर विचार नहीं कर रही है। पहले ये माना जा रहा था कि केंद्र सरकार 2013 की तरह 2024 के चुनाव से पहले आठवें वेतन आयोग का गठन कर सकती है। वित्त विभाग ने साफ कर दिया है सरकार ने अब तक ऐसी कोई योजना (Not Planning) नहीं बनाई है। वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा, ‘8वां वेतन आयोग गठित करने के संबंध में फिलहाल कोई योजना नहीं है। अभी इसके बारे में कुछ तय नहीं है।’ केंद्रीय कर्मचारियों और पेशनधारकों की संख्या 50 लाख से ज्यादा है।
यूपीए ने बनाया था 7वां वेतन आयोग
चुनाव आने से पहले सरकारें केंद्रीय कर्मचारियों, सशस्त्र बलों और पेंशनधारकों को लुभाने के लिए वेतन आयोग का इस्तेमाल करती रही हैं। कांग्रेस की अगुवाई वाली यूनाइटेड प्रोग्रेसिव एलायंस (UPA) ने साल 2013 में आम चुनाव के कुछ महीनों पहले ही 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) गठित किया था।
पेंशन पर सरकार का ज्यादा ध्यान
केंद्र सरकार का ध्यान इस समय न्यू पेंशन स्कीम या NPS की समीक्षा पर है। खास बात है कि हाल ही में संपन्न हुए कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों (Election Agenda) में बड़े मुद्दे के तौर पर सामने आया। इसके अलावा पांच राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में भी दलों ने NPS और OPS यानी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को मुद्दे को जमकर उठाया। सरकार की ओर से एक समिति भी गठित की गई है, जो इसकी समीक्षा करेगी। वित्त सचिव समिति की अगुवाई कर रहे हैं। सरकार इसमें कुछ बदलाव भी कर सकती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कर्मचारी को आखिरी वेतन का कम से कम 40 से 45 फीसदी मिले।
