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दिल्ली में पकड़ी चीनी जासूस बौद्ध भिक्षु बनकर आई थी हिमाचल, पंजीकरण ब्रांच में नहीं कोई जानकारी
Last Updated on October 23, 2022 by sintu kumar
धर्मशाला। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने एक चीनी महिला जासूस (Chinese Female Spy) काई रूओ को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इसे पुलिस ने तिब्बती रिफ्यूजी कैंप मंजनू का टिल्ला से गिरफ्तार किया। यह चीनी महिला (Chinese Woman) पिछले तीन साल से भारत में डोलमा लामा नाम से और नेपाली नागरिकता सर्टिफिकेट के आधार पर रह रही थी। इस महिला के तार हिमाचल के मैक्लोडगंज से भी जुड़े हुए हैं। जिसके चलते दिल्ली पुलिस ने हिमाचल पुलिस (Himachal Police) से इसके बारे में जानकारी मांगी है।
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मिली जानकारी के अनुसार काई रूओ 2019 से बौद्ध भिक्षु डोलमा लामा के रूप में भारत में रह रही थी। इन चीनी महिला ने हिमाचल के मैक्लोडगंज में भी काफी समय गुजारा। वह यहां नेपाली बौद्ध भिक्षु के नाम से ठहरी थी। इस महिला के गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने हिमाचल पुलिस इस महिला की सारी जानकारी मांगी है। हालांकि बताया जा रहा है कि हिमाचल के धर्मशाला (Dharamshala) में विदेशी नागरिकों के पंजीकरण की ब्रांच में इस महिला की कोई जानकारी नहीं है। इसका एक कारण इस महिला का यहां पर बौद्ध भिक्षु के रूप में रहना बताया जा रहा है। ऐसे में काई रूओ के बारे में कांगड़ा पुलिस या अन्य ख़ुफ़िया एजेंसियों के पास कोई जानकारी नहीं है।
चीन के हैनान की रहने वाली है महिला
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि यह महिला चीन के हैनान की रहने वाली है। एसपी कांगड़ा (SP Kangra) डॉ. खुशहाल शर्मा ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने इंटेलिजेंस इनपुट सांझा किए हैं। काई रूओ के धर्मशाला में रहने से जुड़ी डिटेल जुटाई जा रही है। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (Central Tibetan Administration) से भी इस संबंध में जानकारी मांगी गई है।
फर्राटेदार अंग्रेजी ने खोली महिला की पोल
पुलिस जांच में पाया गया है कि काई रूओ 2019 में भारत में आई थी। इसके लिए उसने चाइनीज पासपोर्ट का इस्तेमाल किया। गिरफ्तारी के बाद इस चीनी महिला ने पुलिस को गुमराह करने का भी प्रयास किया और कहा कि चाइना के कम्युनिस्ट नेता उसे मारना चाहते थे इसलिए वह भाग कर भारत आ गई और यहां नेपाली नागरिक (Nepali Citizenship Certificate) डोलामा लामा बनकर रहने लगी। हालांकि उसने पहले नेपाल के काठमांडू की स्थायी निवासी होने का भी दावा किया था और दिल्ली पुलिस को अपना नेपाली पहचान पत्र भी दिखाया। पुलिस को इस महिला पर उस समय शक हुआ जब महिला फर्राटेदार अंग्रेजी में बात करने लगी। वहीं जब उससे नेपाली में बात की गई तो उसे नेपाली भाषा नहीं आई।