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हिमाचल में GST एकत्रीकरण और कर चोरी रोकने को #jairam की बड़ी बात- जाने
शिमला। राज्य आबकारी विभाग (State Excise Department) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि जीएसटी (GST) एकत्रीकरण और कर की चोरी रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि राज्य के लिए अधिकतम संसाधन जुटाए जा सकें। सीएम ने विभाग द्वारा वित्त वर्ष 2020-2021 के दौरान राजस्व प्राप्तियों के एकत्रीकरण के संबंध में विभाग के प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया। कोविड के प्रभाव के बावजूद विभाग ने वित्त वर्ष 2020-21 में राज्य कोष के लिए 4703 करोड़ रुपये एकत्रित किए, जबकि पिछले वित्त वर्ष इस अवधि के दौरान यह राशि 5066 करोड़ रुपये थी। सीएम ने वर्तमान वित्त वर्ष और पिछले वित्तीय वर्ष के संचयी राजस्व के बीच घटते अंतर पर भी संतोष व्यक्त किया, जो जुलाई, 2020 में 39 प्रतिशत से दिसंबर, 2020 में सात प्रतिशत हुआ।
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सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने कर चोरी का पता लगाने के लिए विभागीय प्रवर्तन क्षमताओं को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रीत करने पर बल दिया। इससे खामियों को दूर कर प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने विभाग को करदाताओं (Taxpayers) की सुविधा के लिए उनके साथ नियमित संवाद करने और उन्हें जागरूक करने के निर्देश दिए। सीएम ने आश्वासन दिया कि विभाग को पर्याप्त रूप से सुदृढ़ किया जाएगा और ऐसी सभी सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा, जो पारदर्शिता और कुशल कामकाज के माध्यम से सरकार के राजस्व को अधिकतम करने के लिए प्रभावी और कुशल प्रशासन के लिए आवश्यक हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि लिगेसी केसिज रेजोल्यूशन स्कीम (Legacy cases resolution scheme) पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए, ताकि समझौता फीस की अदायगी कर विरासत मामलों का समाधान किया जा सके।
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उन्होंने कहा कि हालांकि लिगेसी केसिज रेजोल्यूशन स्कीम को चुनने की तिथि 30 सितंबर, 2020 से बढ़ाकर 21 जनवरी, 2021 कर दी गई है, लेकिन इस योजना के तहत गत वर्ष दिसंबर माह तक वसूल किए गए 72 करोड़ रुपये पर्याप्त नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विरासत मामलों को निपटाने और इस योजना के तहत निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए रणनीति तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिक प्राप्ति करने के लिए बड़े मामलों पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग को माल एवं सेवा कर अधिनियम के तहत राजस्व वृद्धि के लिए और अधिक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। सीएम ने करदाताओं में जागरूकता लाने के लिए जीएसटी एफएक्यूज पुस्तिका भी जारी की। प्रधान सचिव आबकारी एवं कराधान द्वारा पंजीकृत सोसायटी टैक्निकल सर्विसेज एजेंसी की ओर से सीएम को राज्य कोष के लिए 1.5 करोड़ रुपये का चेक भेंट किया गया।
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विभाग में विभिन्न अध्यादेशों के तहत क्षमता निर्माण तथा देश में उपलब्ध मॉडलज और सर्वोत्तम सेवाओं के अनुसरण के लिए गहन और पर्याप्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन के माध्यम से व्यावसायिकता बढ़ाने पर बल दिया। प्रधान सचिव आबकारी एवं कराधान जेसी शर्मा (Principal Secretary Excise and Taxation JC Sharma) ने फील्ड अधिकारियों के प्रदर्शन पर निरंतर निगरानी रखने पर बल दिया। उन्होंने ई-वे बिल के भौतिक सत्यापन, जीएसटीआर3बी की रिटर्न फाइलिंग के अनुपालन और राज्य के राजस्व में वृद्धि के लिए करदाताओं द्वारा फाइल रिटर्न में असंतुलन पर विशेष ध्यान केंद्रित करने के भी निर्देश दिए। आबकारी एवं कराधान आयुक्त रोहन चंद ठाकुर ने प्रदेश के कुल आयकर में वृद्धि के लिए विभाग द्वारा शुरू की गई विभिन्न पहलों पर विस्तार से प्रस्तुति दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी बैठक में भाग लिया।