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हिमाचल: लंगर विवाद पर CM जयराम ठाकुर ने कही यह बात
शिमला। लंगर विवाद मामले ने हिमाचल (Himachal) में तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस (Congress) इसे सियासी मुद्दा बनाने में जुटी है। तो दूसरी तरफ कांग्रेस, सामाजिक कार्यकर्ताओं और लोगों के सेंटिमेंट्स से घिरी सरकार इस बवाल से बचती नजर आई। सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) से जब शिमला (Shimla) में मीडिया ने लंगर विवाद को लेकर सवाल किया, तो वे सवाल को टाल गए। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्हें मामले की पूरी जानकारी नहीं। वह अभी इस मामले पर संबंधित विभाग से जानकारी जुटा रहे हैं। पूरे तथ्य जानने के बाद ही वे इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया दे पाएंगे। इधर, मामले को बढ़ता देख आईजीएमसी प्रशासन बैकफुट पर आ गई है। साथ ही हिमाचल सरकार से न्यायिक जांच की मांग की है।
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एमएस जनकराज ने की न्यायिक जांच की मांग
आईएमसी प्रशासन ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग सरकार से की है। अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि अवैध रूप से कब्जा करके लंगर चलाया जा रहा था। जिसे कई बार नोटिस देने के बाद भी खाली नहीं किया गया। आईजीएमसी के एमएस डॉ जनकराज (MS Dr. Janak Raj) ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्य किया जा रहा है। अस्पताल की संपत्ति पर कब्जा करना गैरकानूनी है। उक्त संस्था द्वारा वहां अवैध रूप से निर्माण कार्य किया गया था। चोरी की बिजली पानी का प्रयोग पिछले सात सालों से किया गया है।
नहीं ली थी अनुमति
एमएस जनक राज ने कहा कि अस्पताल प्रशासन की ओर से उन्होंने लंगर चलाने की कोई अनुमति नहीं ली थी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में लंगर सेवा बंद नहीं है। एक संस्था द्वारा लोगों को निशुल्क खाना मुहैया करवाया जा रहा है। अगर कोई दूसरी संस्था खाना वितरित करना चाहती है, तो वह अस्पताल परिसर में बना हुआ खाना वितरित कर सकती है। यही नहीं डॉ जनकराज ने उक्त संस्था को हो रही फंडिंग की जांच की भी मांग सरकार से की है।
वेला बॉबी दें दान का ब्यौरा
उन्होंने कहा कि सभी संस्थाओं का एक लेखा-जोखा होता है, जिसमें डोनेशन से आने वाले पैसे का हिसाब किताब होता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि जिन्होंने भी बॉबी के लंगर को डोनेशन दिया है, उसके बारे में जानकारी लें उनका पैसा कहां कितना खर्च हुआ। एमएस ने बताया कि इस मामले में प्रशासन की ओर से समय-समय पर बॉबी को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब-तलब किया गया है, बावजूद इसके बॉबी ने उसे दरकिनार कर दिया और अवैध कब्जे पर लंगर चलाते रहे। एमएस ने कहा कि सरबजीत सिंह बॉबी टेंडर प्रक्रिया से आए हैं। उनका स्वागत है, लेकिन आईजीएमसी की संपत्ति पर अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं होगा।