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मई माह में हिमाचल में ठंड ने तोड़ा 36 वर्षों का रिकॉर्ड, 12 से फिर बदलेगा मौसम का मिजाज
हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष लोगों को मौसम के कड़े तेवर से निजात नहीं मिल रहा है। मई माह में जहां प्रतिवर्ष सूर्यदेव के गर्म मिजाज देखने को मिलते थे वही इस वर्ष समूचे हिमाचल में वर्षा का दौर जारी है। पश्चिमी विक्षोभ के अधिक सक्रिय होने से मई में भी कई क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड है। प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जहां मई में बर्फ पड़ रही है वही मध्यवर्ती और मैदानी इलाकों में वर्षा हो रही है।वर्ष के लगातार क्रम से तापमान में भी गिरावट आई है। 1987 के बाद इस वर्ष मई माह में सामान्य से कम तापमान दर्ज किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार 36 वर्षों बाद मई महीने में सामान्य से कम तापमान दर्ज किया गया है। आने वाले दिनों में तापमान में बढ़ोतरी होने की संभावना है ।
मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक संदीप शर्मा ने बताया कि प्रदेश में 12 मई तक मौसम साफ बना रहेगा। हालांकि बीते 24 घंटों में जिला शिमला,किन्नौर और चंबा के कुछ एक स्थानों में हल्की बारिश हुई है। वहीं 12 मई देर रात से एक पश्चिमी विक्षोभ हिमाचल प्रदेश में सक्रिय होगा जिसके चलते मध्य व उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश और जिला किन्नौर और लाहुल स्पीति के कुछ भागों में बर्फबारी भी होने संभावना है। उन्होंने कहा कि 12 मई तक तापमान में 3 से 5 डिग्री तक बढ़ोतरी हो सकती है।
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प्रदेश के केलांग और धर्मशाला में न्यूनतम तापमान का रिकॉर्ड टूटा है। केलांग में 9 मई को न्यूनतम तापमान माइनस 2.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है इससे पहले वर्ष 2019 में माइनस 1.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। वहीं धर्मशाला में 1 और 8 मई को 8.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है इससे पहले वर्ष 2009 में 8.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। वहीं उन्होंने कहा कि मई के पहले सप्ताह में पूरे प्रदेश में 5 से 7 डिग्री सेल्सियस तापमान कम दर्ज किए गए है ऐसी स्थिति प्रदेश में वर्ष 1987 में देखने को मिली थी जब तापमान सामान्य से कम चल रहा था। वर्ष 1987 के बाद शिमला, मनाली, कल्पा, धर्मशाला, ऊना और पालमपुर का इस वर्ष सबसे कम अधिकतम और न्यूनतम पारा दर्ज हुआ है। 1988 से 2022 के दौरान मई में तापमान अधिक दर्ज हुआ है, लेकिन इस वर्ष पश्चिमी विक्षोभ के अधिक सक्रिय होने से मई में भी कई क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड है।
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