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शिमला। सीएम जयराम ठाकुर ( CM Jairam Thakur) ने आज अपने कार्यकाल के चौथा बजट पेश किया। बजट को जहां सत्ता पक्ष से सराहा तो विपक्ष के सदस्यों ने इस दिशाहीन ( Directionless) बताया । उनका कहना था कि कोरोना काल में हुए नुकसान से उबरने के उपाय बजट में नहीं सुझाए गए हैं। पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ( Former CM Virbhadra Singh) ने बजट को लोगों की आशा के विपरीत बताया है। उन्होंने कहा है कि घाटे से उभरने के लिए बजट में कुछ भी नहीं है। महज आकड़ों को दर्शाकर केंद्र सरकार की योजनाओं को प्रदेश के बजट में शामिल कर लोगों को लुभाने का असफल प्रयास किया गया है। वीरभद्र सिंह ने इसे दिशाहीन बताया है। उन्होंने बजट पर निराशा प्रकट करते हुए कहा है कि बजट में बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई ( Rising unemployment, inflation)से निपटने के कोई भी कारगर उपाय नहीं है। आम लोगों को भी कोई राहत नही है। कोविड़ से प्रभावित अर्थव्यवस्था के सुधार की कोई भी गुंजाइश भी बजट में नहीं है।
माकपा विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि सरकार का बजट खटारा गाड़ी की तरह है जिसको पेंट किया गया है। कर्ज़ से सरकार चलेगी, कहीं ऐसा न हो कि देश किसी विदेश के हाथ में गिरवी हो जाए। इस बजट में किसी वर्ग के लिए कोई राहत नहीं मिलेगी बल्कि आने वाले समय में लोगों का जीना दूभर हो जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ( Leader of Opposition Mukesh Agnihotri)ने कहा कि कर्ज़ की बैसाखियों से सरकार चलेगी लेकिन बजट में इसका जिक्र तक नहीं है। हर क्षेत्र में घाटा है। आर्थिक सर्वेक्षण ( Economic survey) में ही साफ हो गया था कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति बिगड़ी हुई है। महंगाई आसमान छू रही है, पेट्रोल- डीजल कीमतें सबसे ऊंचे स्तर पर है। इसका बजट में जिक्र तक नहीं किया गया। 30 हज़ार नौकरियों को चोर दरवाजे से भरने का खाका तैयार किया। सरकार का वित्तीय प्रबंधन शून्य है।
कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने 2021.22 के प्रस्तावित बजट पर निराशा प्रकट करते हुए कहा है कि इस बजट में प्रदेश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था के सुधार के कोई भी ठोस प्रयास नही हैं। बजट महज आंकड़ों का मायाजाल है जिसमें ना तो लोगों को कोई राहत दी है और ना ही बेरोजगारी व महंगाई से लड़ने की कोई योजना है। प्रदेश सरकार के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि बजट में कुछ भी ऐसा नही है जिसकी सराहना की जाए। उन्होंने कहा बजट में ना तो किसानोंए बागवानों को कोई राहत है और ना ही व्यवसायियों के लिए कोई राहत दी गई है।
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