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“कोवैक्सीन” को मिल सकती है डब्ल्यूएचओ से मंजूरी ! चीफ साइंटिस्ट ने माना इफेक्टिव
नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ जंग में भारत की देसी वैक्सीन “कोवैक्सीन” (Covaxin) ने बड़ी भूमिका निभाई है। कोवैक्सीन को लेकर एक बढ़िया खबर सामने आई है वो ये कि इसको जल्द मिल डब्ल्यूएचओ से मंजूरी
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सकती है। जी हां, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की चीफ साइंटिस्ट ने भी असरदार माना है और इसकी काफी तारीफ की है। डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की वैक्सीन कोवैक्सीन के ट्रायल का डाटा अच्छा लग रहा है। जैसा कि कोवैक्सीन डब्ल्यूएचओ की मंजूरी का इंतजार कर रहा है, स्वामीनाथन ने कहा कि प्री-सबमिशन बैठक 23 जून को हुई थी और अब उसके ट्रायल के डाटा पैकेट को इकट्ठा किया जा रहा है। एक इंटरव्यू में सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल का डाटा अच्छा है। उन्होंने वेरिएंट को भी देखा है। कुल मिलाकर इसकी एफिशिएंसी काफी अधिक है। हालांकि, डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन की प्रभावशीलता कम है मगर फिर भी यह काफी अच्छा है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि कोवैक्सीन की सुरक्षा प्रोफ़ाइल अब तक डब्ल्यूएचओ (WHO) के मानकों को पूरा करती है। उन्होंने कहा कि हम उन सभी टीकों पर कड़ी नज़र रखते हैं, जिन्हें इमरजेंसी यूज लिस्टिंग मिली है। हम अधिक से अधिक डाटा की तलाश जारी रखते हैं। स्वामीनाथन ने कहा कि अमेरिका को छोड़कर दुनिया के अधिकांश हिस्सों में कोरोना के मामलों में तेजी देखी गई है और मौतों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। स्वामीनाथन ने भारत में कम से कम 60-70 प्रतिशत आबादी के प्राथमिक टीकाकरण का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि भारत ब्रिटेन जैसे देशों से प्रेरणा ले सकता है, जो बूस्टर शॉट्स की योजना बना रहे हैं और उनसे सीख सकते हैं।
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