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अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में गिरावट, भारत में क्या होगा असर, अब कितने में मिलेगा पेट्रोल और डीजल
Last Updated on November 19, 2021 by Vishal Rana
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार (International Market) से कच्चे तेल को लेकर सकारात्मक खबर सामने आ रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में गिरावट देखने को मिल रही है। कच्चा तेल (Crude Oil) 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया है। बीते महीने कच्चे तेल का दाम 86 डॉलर प्रति बैरल के आसपास था। कच्चे तेल के दाम कम होने से देश में भी पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी आ सकती है।
दरअसल, ओपेक (OPEC) के देशों ने हाल ही में कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने की बात कही है। अगस्त से ही ओपेक देशों ने मिलकर हर महीने रोजाना आधार पर 4 लाख बैरल प्रोडक्शन बढ़ाना शुरू कर दिया था। इसके तहत दिसंबर में 20 लाख बैरल प्रोडक्शन रोजाना आधार पर ज्यादा होगा। ओपेक प्लस देशों ने इस बढ़ोतरी को आगे भी जारी रखने का फैसला किया है। इससे कच्चे तेल के दाम आने वाले दिनों में 75 डॉलर तक जा सकते हैं।
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देश में क्या होगा इसका असर
कहा जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम घटने से भारत के बाजारों पर भी पड़ेगा। देश में पेट्रोल और डीजल के दाम दो से तीन रुपए तक घट सकते हैं। हालांकि, अगर रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर बना रहा तो आम लोगों को इसका फायदा नहीं मिल पाएगा। बता दें कि पेट्रोल के दाम भारत में कुल जमा चार कारणों पर निर्भर करता है। पहला, कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत, दूसरा रुपए के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की कीमत, तीसरा, केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा वसूला जाने वाला टैक्स और चौथा, देश में फ्यूल मांग।
गौरतलब है कि भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी हिस्सा विदेश से आयात करता है। जिसकी कीमत डॉलर में चुकानी होती है। ऐसे में कच्चे तेल की कीमत बढ़ने और डॉलर के मजबूत होने से पेट्रोल-डीजल महंगे होने लगते हैं। कच्चा तेल बैरल में आता है। एक बैरल यानी 159 लीटर कच्चा तेल होता है।
वैट और एक्साइज ड्यूटी कई जगह घटायी गई थी
वहीं, पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी और वैट लगने के चलते इसकी कीमत कई गुणा अधिक बढ़ जाती है। इसी के चलते पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने 3 नवंबर को पेट्रोल पर 5 रुपए और डीजल पर 10 रुपए एक्साइज ड्यूटी घटाई थी।
इसके बाद कर्नाटक, पुडुचेरी, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा, असम, सिक्किम, बिहार, मध्य प्रदेश, गोवा, गुजरात, दादरा एवं नागर हवेली, दमन एवं दीव, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और लद्दाख इस पर वैट में कटौती कर चुके हैं। इससे आम आदमी को थोड़ी राहत मिली है।