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सुगंधित फूलों से महकेगा भारत का ठंडा रेगिस्तान, CSIR-IHBT पालमपुर ने निकाला फॉर्मूला
Last Updated on August 15, 2021 by Deepak
पालमपुर। लद्दाख घूमने वालों को जल्द ही ठंडा रेगिस्तान फूलों की खुशबू से महकता हुआ मिलेगा। इसके लिए पालमपुर (Palmpur) स्थित सीएसआईआर-आईएचबीटी संस्थान ने फॉर्मूला निकाल लिया है। सीएसआईआर की टीम ने इस प्रोजेक्ट को लेकर लद्दाख (Laddakh) का दौरा भी किया है। इस दौरे में वैज्ञानिकों (Scientist) ने पाया कि सुगंधित फसलों और फूलों की खेती के लिए लद्दाख की मिट्टी व जलवायु उपयुक्त है। जिसके बाद सीएसआईआर (CSIR) और उद्योग, वाणिज्य विभाग लद्दाख के बीच मई महीने में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए थे। वैज्ञानिकों ने क्लेरी सेज, वाइल्ड मैरीगोल्ड, डैमस्क रोज, लैवेंडर, मिंट, ड्रेकोसेफालम, आर्टेमिसिया और पुष्प कृषि फसल लिलियम, ट्यूलिप और ग्लेडियोलस उगाने के लिए लद्दाख की मिट्टी को उपयुक्त पाया था।
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कई संगठनों से मिल चुके हैं वैज्ञानिक
जिसके बाद अब सीएसआईआर-आईएचबीटी (CSIR-IHBT) वैज्ञानिकों की चार सदस्यीय टीम ने सुगंधित फसलों व फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए लेह और नुब्रा घाटी का दौरा किया है। वहीं, इस मामले में लद्दाख के सरकारी और गैर सरकारी संगठनों के अधिकारियों संग बातचीत की है। वैज्ञानिकों की टीम ने लद्दाख में जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए। साथ ही सीएसआईआर-आईएचबीटी की टीम ने उद्योग और वाणिज्य विभाग के अधिकारियों, कृषि विभागों, प्रगतिशील किसानों, उद्यमियों और लद्दाख के गैर सरकारी संगठनों से मुलाकात की। मामले पर सीएसआईआर पालमपुर के निदेशक डॉ संजय कुमार ने कहा कि सुगंधित फसलों और फूलों की खेती से लद्दाख के किसानों की आर्थिकी मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि यह मिशन प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत बनाने के सपने की दिशा में एक कदम के रूप में भी काम करेगा।
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