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डैल राम – चंदी देवी का सहारा
Last Updated on June 10, 2020 by
जी तोड़ मेहनत की कमाई से जो भी पाया, उसकी एक एक पाई परिवार पर खर्च कर दी। बुढ़ापा आने पर पेंशन (Pension) जैसा कोई सहारा नहीं था, लेकिन सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन देकर हमें एक नई उम्मीद दी है। ये कहना है डैल राम ठाकुर का। उम्र करीब 77 वर्ष, जंजैहली के साथ लगते दुर्गम इलाके जुघांद के निवासी है। उनका कहना है कि उम्र के इस पड़ाव पर हमें छोटी छोटी जरूरतें पूरी करने के लिए भी बच्चों पर निर्भर होना पड़ता था, लेकिन सरकार ने बुढ़ापा पेंशन दी तो अब हमें अपनी छोटी-मोटी जरूरतों के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ रहा है। इससे भी बड़ी बात ये है कि सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) की अगुआई वाली सरकार ने बिना किसी आय शर्त के बुढ़ापा पेंशन की उम्र 70 साल कर बुजुर्गों के हित में बिल्कुल सही कदम उठाया।
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डैल राम ठाकुर का मानना है कि यदि ऐसा ना होता तो मुझे और मेरी पत्नी को पेंशन न मिलती। डैल राम ठाकुर का कहना है कि उनको और उनकी पत्नी दोनों को सरकार अब बुढ़ापा पेंशन दे रही है जिससे उनकी महीने की कई जरूरतें आसानी से पूरी हो रही हैं। उनकी पत्नी चंदी देवी का करीब 30 साल पहले लीवर का आपरेशन हुआ था। उनको अब कुछ दवाओं की जरूरत पड़ती रहती है। दवाओं के छोटे मोटे खर्च के लिए पेंशन सहारा बन रही है। डैल राम का कहना है कि लॉकडाउन लगने के साथ सरकार ने तीन माह की पेंशन एक साथ दे दी। जो ऐसे संकट के समय में हम बुजुर्गों के लिए बड़ी राहत है।