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बिना FASTag वाले वाहनों से वसूला जा रहा दोगुना टोल, HC ने NHAI से मांगा जवाब
जैसा कि हम जानते हैं कि टोल प्लाजा पर इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम या फास्टैग शुरू किया गया है। फास्टैग (FASTag) की मदद से कोई भी वाहन चालक टोल प्लाजा में बिना रुके अपना टोल टैक्स दे सकता है। इतना ही नहीं अगर किसी गाड़ी पर फास्टैग लगा है तो जब तक वे उस पैसे का इस्तेमाल ना करें तो उसका पैसा उसी में रहता है। वहीं, अब दिल्ली हाईकोर्ट ने फास्टैग को लेकर एनएचएआई और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
बता दें कि याचिका में फास्टैग में जमा राशि पर बैंकों को ब्याज का भुगतान करने का निर्देश दिए जाने की बात कही गई है। इस संदर्भ में दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने एनएचएआई (NHAI) और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से फास्टैग और कार्ड में जरूरी न्यूनतम राशि पर ब्याज भुगतान की अपील करने वाली इस याचिका पर जवाब मांगा है।
बैंकिंग सिस्टम में आए
हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि फास्टैग जारी करने के साथ हजारों करोड़ यात्री, एनएचएआई और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को लाभ दिए बिना बैंकिंग सिस्टम में आ गए हैं।
दिया गया इतना समय
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने इस मामले में जवाब देने के लिए एनएचएआई और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को चार हफ्ते का समय दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त, 2023 को होगी।
जनहित के है खिलाफ
जानकारी के अनुसार, याचिकाकर्ता रविंद्र त्यागी की तरफ से पेश अधिवक्ता प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि आवेदन के बिना फास्टैग वाले वाहनों को टोल टैक्स का दोगुना भुगतान करने के लिए मजबूर करने वाले नियम को भी चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि ये नियम मनमाना, भेदभावपूर्ण और जनहित के खिलाफ है।
होगा इतना लाभ
याचिकाकर्ता का कहना है कि फास्टैग सर्विस शुरू होने के बाद से 30,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि बैंकिंग प्रणाली में शामिल हो गई है। उन्होंने कहा कि अगर इस आंकड़े पर 8.25 प्रतिशत सालाना एफडी लागू की जाए तो हर साल एनएचएआई और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को दो हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का लाभ होगा।
की गई है ये अपील
याचिका में फास्टैग के ब्याज से मिली राशि के लिए प्रशासन को यात्री कल्याण कोष के नाम से एक कोष तैयार करने का निर्देश देने की अपील की गई है।
निशुल्क किया जा रहा है उपयोग
याचिका में बताया गया है कि फिलहाल इस पैसे का इस्तेमाल बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा निशुल्क किया जा रहा है। जबकि, इस राशि पर ब्याज का उपयोग एनएचएआई और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय या फिर यात्रियों के लिए होना चाहिए।