-
Advertisement
नहीं मान रहा Nepal: नोमैंस लैंड से एक कदम भी पीछे हटने को तैयार नहीं; वार्ता से नहीं निकला कोई हल
Last Updated on July 24, 2020 by Deepak
चंपावत। भारत और नेपाल (India and Nepal) के बीच जारी नक्शा विवाद के बीच दोनों देश की सीमाओं से सटे इलाकों में पिछले कुछ दिनों से तनाव बढ़ा हुआ है। इसी फेहरिस्त में पहाड़ी राज्य उत्तराखंड (Uttrakhand) के चंपावत जिले के टनकपुर से लगी भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा में बुधवार शाम विवादित क्षेत्र पिलर संख्या 811 में करीब 150 नेपाली नागरिकों की भीड़ ने एकराय होकर कब्जे की कोशिश की और एसएसबी ने इन्हें ऐसा करने से रोक दिया। जिसके बाद से यह विवाद अब लगातार बड़ा होता जा रहा है। गुरुवार को भारत व नेपाल के अधिकारियों ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया और वार्ता की लेकिन कोई हल नहीं निकल सका। नोमैंस लैंड के बड़े हिस्से पर किए गए कब्जे की स्थिति यथावत है।
यह भी पढ़ें: नेपाली नागरिकों की भीड़ ने की विवादित क्षेत्र में कब्जे की कोशिश; SSB ने रोका तो बढ़ा तनाव
दोनों देशों के अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के बाद भी नेपाली नागरिक अतिक्रमण हटाने को तैयार नहीं हुए। वह लोग भारतीय अधिकारियों का खुला विरोध करने लगे थे। वह विवादित भू-भाग से एक कदम भी पीछे हटने को तैयार नहीं हुए। इधर सूत्रों के मुताबिक नेपाली अधिकारियों ने भी इशारे-इशारे में ये बात कह दी कि विवादित जमीन नेपाली नागरिकों की ही है। वहीं एसएसबी कमांडेंट ने नेपाल से जल्द पिलर उखाडऩे के लिए कहा है। एसएसबी के अधिकारियों ने नेपाल प्रशासन को समझाया कि नो मैंस लैंड में नागरिकों की ओर से किए गए अतिक्रमण को तत्काल हटाएं, ताकि सीमा पर विवाद की स्थिति पैदा ना हो। इस पर नेपाल प्रशासन भी यथास्थिति कायम रखने की बात करने लगे। एसएसबी के कमांडेंट ने बताया कि नेपाल के अधिकारियों को अतिक्रमण हटाने के लिए बोल दिया गया है। अगर वह नहीं हटाता है तो अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। नेपाल के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि वह दो दिन के भीतर अतिक्रमण हटावा लेंगे। फिलहाल अतिक्रमण की स्थिति यथावत बनी हुई है। दोनों देशों के अधिकारी मिलकर मामले का हल जल्द निकाल लेंगे।