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प्रदेश में आपदा से निपटने के लिए ड्रोन से होगी निगरानीः मार्कंडेय
Last Updated on September 9, 2021 by Vishal Rana
शिमला। हिमाचल प्रदेश के दुर्गम इलाकों में जिस तरह से जमीन दरक रही हैं और उसके चलते हादसे हो रहे हैं, उन पर रोक लगाने के लिए ड्रोन टेक्नोलॉजी का प्रयोग भी होगा। यह बाद तकनीकी शिक्षा मंत्री रामलाल मार्कंडेय ने कही है। उन्होंने कहा कि राज्य में आपदा से निपटने के लिए इसके लिए आपदा ग्रस्त क्षेत्र में ड्रोन से लगातार निगरानी की जाएगी, ताकि किसी भी तरह के हादसे को घटित होने से रोका जा सके। इसको लेकर आईटी विभाग को भी सभी विकल्पों पर विचार-विमर्श करने को कहा गया है। भू-स्खलन की संभावना को देखते हुए लाहुल-स्पीति में बिना गाइड के ट्रैकिंग पर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे में देश-विदेश से घाटी में ट्रैकिंग के लिए आने वाले सैलानियों को लोकल गाइड के साथ ही ट्रेकिंग पर जाने की अनुमति मिलेगी। इसके लिए जिला प्रशासन की तरफ से आवश्यक निर्देश एवं एडवाइजरी जारी की गई है।
मार्कंडेय ने कहा कि राज्य सरकार ने इसके अलावा लोक निर्माण विभाग को भू-स्खलन की संभावना वाले स्थानों को चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं। इसमें किन्नौर और लाहुल-स्पीति के अलावा राज्य में उन सभी सड़कों में ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जाएगा, जहां पर भू-स्खलन की संभावना है। इसके अलावा हाल ही में हुए भू-स्खलन को लेकर जूलॉजिकल सर्वे की रिपोर्ट का इंतजार भी किया जा रहा है। रिपोर्ट में जो निर्देश दिए जाएंगे, उसके आधार पर राज्य सरकार प्रभावी पग उठाएगी। उल्लेखनीय है कि राज्य में हाल ही में हुई भू-स्खलन की घटना में कई लोगों की जान गई है। ऐसे में भविष्य में इस तरह की घटना घटित न हो, उसको लेकर सभी प्रभावी पग उठाए जाएंगे। प्रदेश में हर साल ट्रैकिंग पर जाने वाले लोग आपदा के शिकार हुए हैं और कई ट्रैकर संबंधित क्षेत्र की सही व पूरी जानकारी ना होने के कारण लापता भी हुए हैं।