-
Advertisement
मरे हुए लोगों को दोबारा जिंदा करने का एक्सपेरिमेंट, वर्षों से टंकियों में रखी हैं लाशें
Last Updated on March 19, 2022 by sintu kumar
विज्ञान ने बहुत ज्यादा तरक्की कर ली है, तभी तो वैज्ञानिक कई तरह के प्रयोग (Experiments ) करते रहते हैं। यही नहीं इसके चलते और कई बार तो प्रकृति से भी टक्कर लेने की कोशिश करते हैं। इसी का जीता-जागता एक उदाहरण सोशल मीडिया पर सामने आया है। अमेरिका (America) की एक लैब की तस्वीरें सामने आई हैं, जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि यहां लाशों को जिंदा करने का काम चल रहा है। यूं तो जिंदगी और मौत ऊपर वाले के हाथ में होती है। जब किसी की मौत का वक्त आता है तो उसे कोई नहीं बचा पाता और अगर किसी की जिंदगी बाकी होती है तो बड़े से बड़े हादसे में उसे खरोंच तक नहीं आती। लेकिन यहां उससे उलट प्रयोग चल रहा है।
यह भी पढ़ें- दुनिया में एक किडनी के नाम से मशहूर है यह गांव, वजह जान खड़े हो जाएंगे आपके रोंगटे
एक ऐसे एक्सपेरिमेंट की चर्चा का विषय बनी हुई है, जिसके बारे में जानकर हर कोई हैरान है। बताया जा रहा है कि इस तकनीक के जरिए मरे हुए लोग को वापस जिंदा किया जा सकेगा। वैज्ञानिक लैब में एक ऐसी तकनीक ढूंढ रहे हैं, जिसके जरिए मर चुके लोगों को वापस जिंदा किया जा सकेगा। इस तकनीक (Technique) को क्रायोनिक्स (Cryonics) कहते हैं। एरिजोना में बने एक लैब (Lab) में इस तकनीक के जरिए लोगों को जिंदा करने की उम्मीद में कई लाशें स्टोर कर रखी गई हैं। इनमें कई अमीर लोगों की लाशें शामिल हैं, जिन्होंने अपनी मौत से पहले दोबारा जिंदा होने की उम्मीद में अपनी डेड बॉडी लैब (Dead Bodies) के हवाले कर दी थी। इन लोगों को दोबारा से जिंदा होने की उम्मीद थी। इसलिए उन्होने अपनी डेड बॉडी को सहेजने के लिए लैब के हवाले कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, क्रायोनिक्स तकनीक (Cryonics Technology) में डेड बॉडी को बेहद ठंडे तापमान (Extremely Cold Temperatures) में रखा जाता है। इससे मरने के काफी वर्षों बाद तक बॉडी सुरक्षित रहती है और उसे कोई नुकसान नहीं होता। माना जा रहा है कि जब कभी भविष्य में जिंदा करने वाली तकनीक आ जाएगी तो इन लाशों को दोबारा से जिंदा कर दिया जाएगा। इसी उम्मीद में इन्हें स्टोर किया जा रहा है। इस तकनीक को लेकर विशेषज्ञ कहते हैं कि आज से सौ वर्ष पहले चांद पर जाना नामुमकिन लगता था, लेकिन आज ऐसा हो चुका है। ऐसे में ये उम्मीद करना कि कोई तकनीक मरे हुए को जिन्दा कर देगी, गलत नहीं है। देखना होगा की आने वाले समय में इसके क्या नतीजे सामने आते हैं।