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‘नाटी शराब’ पर विभाग का तर्क, पंजाबी हीर नाम से भी तो बिकती है शराब
Last Updated on February 23, 2021 by Sintu Kumar
शिमला। नाटी संतरा नंबर-1 (Nati Santra Number 1) के नाम से बेची जा रही देशी शराब (Country Liquor)पर विवाद चल रहा है। एक तो सरकार शराब के नाम में ही नाटी शब्द इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी ऊपर से इस शराब की बोतल के लेबल में भी नाटी का चित्र चस्पां कर। यह चित्र भी बिना किस कॉपी राइट के इस्तेमाल किया गया था। विवाद बढ़ता देख सरकार ने खानापूर्ति करते हुए केवल नाटी का चित्र (Natio Photo) ही शराब की बोतल के लेबल से हटाया है। अब सरकार ने अपना बचाव करते हुए एक तर्क भी दे दिया है।
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विभाग के प्रवक्ता की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जन-मानस की भावनाओं का सम्मान करते हुए राज्य कर एवं आबकारी एवं कराधान विभाग (State Tax and Excise and Taxation Department) ने देशी शराब के ब्रांड नाटी नंबर-1 संतरा लेबल पर छपे नाटी के चित्र की अनुमति को तुरंत प्रभाव से वापिस ले ली गई है। विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मीडिया (Media) के माध्यम से विभाग के ध्यान में मामला आया था कि प्रदेश में बिक रहे देशी शराब के ब्रांड नाटी नंबर-1 संतरा के लेबल पर छपे नाटी के चित्र (Nati Pictures) से समाज के कुछ वर्गां के लोगों की सांस्कृतिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब भी विभाग द्वारा किसी भी ब्रांड के लेबल को स्वीकृत किया जाता है, तो इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है कि इससे किसी भी रूप से किसी धर्म व जाति विशेष की भावनाओं ठेस न पहुंचे। इस ब्रांड को भी कुछ दिन पहले ही विभाग द्वारा निर्माता की ओर से सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के उपरांत ही अनुमोदित किया गया था।
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विभाग का कहना है कि पड़ोसी राज्य पंजाब में भांगड़ा ढोल बजाते हुए चित्र के साथ तथा पंजाबी हीर के नाम से देशी शराब की पूरे राज्य में बिक्री की जाती है। इसी प्रकार घूमर व ढोलामारू नाम के ब्रांडों की राजस्थान में बिक्री की जाती है। इन सभी का उपरोक्त राज्यों की सांस्कृतिक विरासत में विशेष स्थान है। यद्यपि इस ब्रांड के लेबल का अनुमोदन सभी प्रकार के कानूनी प्रावधानों को ध्यान में रखकर ही किया जाता है, परन्तु जन-मानस की भावनाओं का सम्मान करते हुए विभाग द्वारा इस लेबल पर छपे नाटी के चित्र की अनुमति को तुरन्त प्रभाव से वापिस ले लिया गया है।
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