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चिंता की है बात: रुपए की कीमत में गिरावट बढ़ाएगी महंगाई का बोझ
भारतीय रुपए में अमेरिकी डालर (US Dollar) की तुलना में गिरावट आ गई है। भारतीय रुपए की कीमत अमेरिकी डॉलर की तुलना में अस्सी रुपए के एकदम करीब पहुंच गई है। इससे अब आम आदमी के सिर महंगाई बादल मंडराने लगे हैं। इस गिरावट का पहला और फौरी प्रभाव इलेक्ट्रानिक प्रोडक्ट्स( Electronic Products) के आयात पर पड़ेगा। इसके साथ ही विदेश यात्रा भी महंगी हो जाएगी। वहीं विदेशों में पढ़ाई करना भी महंगा होने वाला है। रुपए की कीमत गिरने का सीधा प्रभाव आयातकों पर पड़ेगा, जबकि निर्यातकों (Exporters)के लिए यह वरदान से कम नहीं है। इसका कारण यह है कि उन्हें डॉलर के बदले अधिक रुपए मिलते हैं। इस गिरावट ने इंडिया में होने वाले कुछ लाभों पर पानी फेर दिया है।
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रूस और यूक्रेन के युद्ध के चलते जो फायदा भारत को मिलता वह अब नहीं मिल पाएगा। भारत आयातित तेल के लिए 85 प्रतिशत तक निर्भर है। इसके अतिरिक्त कोयला, प्लास्टिक सामग्री, रसायनए इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, वनस्पति तेल, उर्वरक, मशीनरी, सोना, मोती, कीमती और अर्ध.कीमती पत्थर तथा लोहा एवं इस्पात भी आयात होने वाली मद में शामिल है। माना जा रहा है कि इसका प्रभाव मोबाइल, कारों और उपकरणों पर भी पड़ेगा। मसलन वे अब महंगे दामों पर मिलेंगे। विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के लिए अकसर लोन की जरूरत पड़ती है। रिजर्व बैंक अब ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर देगा, जिससे एजुकेशन लोन ( Education loan) महंगा हो जाएगा।
जून महीने में पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले देश का आयात 57.55 प्रतिशत बढ़कर 66.31 अरब डॉलर पर पहुंच गया। जून 2022 में वस्तुओं का व्यापार घाटा 26.18 अरब डॉलर हो गयाए जो जून 2021 के 9.60 अरब डॉलर से 172.72 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। जून में कच्चे तेल का आयात लगभग दोगुना बढ़कर 21.3 अरब डॉलर हो गया। जून 2021 में 1.88 अरब डॉलर के मुकाबले कोयला और कोक का आयात जून 2022 में दोगुना से भी अधिक होकर 6.76 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। इस कारण माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक प्रमुख ब्याज दरों में तीसरी बढ़ौतरी कर सकता है। ऐसे में महंगाई बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी और आम आदमी त्रस्त होकर रह जाएगा।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन एसईए के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा तेल सहित सभी आयात की लागत बढ़ेगी। हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेल की कीमतें गिरने से रुपये की वैल्यू गिरने का असर अधिक नहीं पड़ेगा। फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि इससे आयात का खर्च बढ़ेगा और मुद्रास्फीति को संभालना और भी मुश्किल हो जाएगा।