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लखनऊ किसान महापंचायत: MSP पर कानून की गारंटी को लेकर किसान अड़े, गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त की मांग
लखनऊ। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की ओर से तीनों कृषि कानूनों (Farm Law) के वापसी के ऐलान के बावजूद किसान आंदोलन से पीछे नहीं हट रहे हैं। आज उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ईको गार्डन में किसान महापंचायत चल रहा है। इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत महापंचायत के संबोधित करेंगे। उन्होंने बीते रविवार को ट्वीट करके एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून की गांरटी की मांग पर किसानों से जुटने की अपील की है।
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इससे पहले रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukta Kisan Morcha) ने पीएम मोदी (PM Modi) को चिट्ठी लिखकर 6 मांगें उठाई थीं। पीएम मोदी को लिखे खुले खत में संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने लिखा है कि कृषि कानूनों को रद्द करना इस आंदोलन की एकमात्र मांग नहीं थी। सरकार के साथ बातचीत में हमने शुरू से ही तीन मांगें उठाई हैं। हालांकि, इस खत में किसान संगठन ने 3 और मांगें जोड़ी हैं और कुल 6 मांगें पूरी करने के लिए पीएम मोदी को खत लिखा है।
पीएम को किसानों ने जिन छह मांगों के लिए खत लिखा है। उनमें, पहली मांग एमएसपी MSP पर कानून बनाने की है, ताकि हर किसान को अपनी फसल पर कम से कम न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी मिल सके। वहीं, दूसरी मांग, बिलजी संशोधन अधिनियम विधेयक को वापस लेने की मांग है। बता दें कि बातचीत के क्रम में सरकार ने इस बिल के ड्राफ्ट को वापस लेने का वादा किया था। किसानों की तीसरी मांग राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इससे जुड़े क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अधिनियम, 2021 में किसानों को सजा देने के प्रावधान हटाने की मांग है।
जबकि चौथी मांग दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, यूपी और अनेक राज्यों में हजारों किसानों को इस आंदोलन के दौरान (जून 2020 से अब तक) सैकड़ों मुकदमों में फंसाया गया है। इन केसों को वापस लिया जाए। पांचवी, लखीमपुर खीरी हत्याकांड के सूत्रधार और सेक्शन 120B के अभियुक्त अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त और गिरफ्तार किया जाए। छठी मांग आंदोलन के दौरान अब तक लगभग 700 किसान शहीद हो चुके हैं, उनके परिवारों के मुआवजे और पुनर्वास की व्यवस्था की जाए। साथ ही शहीद किसानों की स्मृति में एक स्मारक बनाने की मांग भी संयुक्त किसान मोर्चा ने की है।
बता दें कि आज की महापंचायत एमएसपी पर कानून की गारंटी की मांग को लेकर बुलाई गई है। राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा है कि सरकार जिन कृषि सुधारों की बात कर रही है। वह पूरी तरह फर्जी और बनावटी है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाना ही सबसे बड़ा सुधार होगा।