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बार्डर से किसानों की वापसी शुरू, आज आंदोलन स्थल हुए खाली
केंद्र द्वारा संशोधित प्रस्ताव सौंपे जाने के बाद किसान संगठनों ने अपना साल भर से चल रहा को आंदोलन (protest) 9 दिसंबर, 2021 स्थगित कर दिया है। अब आज किसानों ने वापस अपने घरों की ओर पलायन शुरू कर दिया है और किसान बॉर्डर से निकल चुके हैं। यह किसान 13 दिसंबर को अमृतसर के हरमंदिर साहिब पहुंचेगे।
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बता दें कि केंद्र सरकार ने गुरुवार को कृषि कानून (Farmers law) रद्द करने का संशोधित प्रस्ताव किसान संगठनों को सौंपा था, जिसे किसानों ने स्वीकार कर लिया था। इस बीच गुरुवार को ही सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अपने टेंट हटाने शुरू कर दिए थे। किसानों की मांगों पर सरकार ने कहा कि एमएसपी (MSP) पर खरीद जारी रहेगी। सरकार ने एमएसपी को लेकर कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया है, जिसमें कि संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों को भी शामिल किया जाएगा। मुआवजे को लेकर हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार ने सहमति दे दी है। केस वापसी को लेकर उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड की सरकार ने सहमति दे दी है। वहीं, दिल्ली समेत अन्य यूटी में भी दर्ज आंदोलन संबंधित मामलों को जल्द वापस लिया जाएगा।बिजली बिल पर सरकार का कहना है कि किसानों से बिना चर्चा किए बिजली बिल को संसद में पेश किया जाएगा। पराली जलाने पर सरकार का कहना है कि इस संदर्भ में किसानों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज नहीं किए जाएंगे।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सितंबर, 2020 में तीन कृषि कानूनों को पास किया था, जिसके खिलाफ किसान 26 नवंबर, 2020 से दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसान तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर अड़े हुए थे। वहीं, 19 नवंबर, 2021 को देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। जिसके चलते अब कृषि कानूनों को सरकार ने वापस ले लिया है।