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अंबाला। एलएसी पर चीन की चालबाजियों और एलओसी पर पाकिस्तान की नापाक हरकतों को करारा जवाब देने के लिए आज पांच राफेल (#Rafale) लड़ाकू विमानों को अंबाला एयरबेस (Ambala Airbase) पर औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल कर लिया गया। माना जा रहा है कि अगले हफ्ते इन्हें चीन सीमा पर तैनात किया जा सकता है। अंबाला के वायुसेना एयरबेस में राफेल इंडक्शन सेरेमनी में सबसे पहले सर्वधर्म पूजा की गई, जिसके बाद फ्लाईपास्ट किया गया। इस दौरान तेजस, सुखोई समेत कई अन्य वायुसेना के विमानों ने एयर शो में हिस्सा लिया और अंच में वाटर कैनेन सैल्यूट के साथ राफेल लड़ाकू विमान को सलामी दी गई। वायुसेना में जब भी कोई नया लड़ाकू विमान शामिल होता है, तो इसी प्रक्रिया का पालन किया जाता है।
SKY IS NOT THE LIMIT…
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Induction ceremony of #Rafale aircraft in the 17 Squadron 'Golden Arrows' at Indian Air Force Station, Ambala on https://t.co/l8k24bcLDJ pic.twitter.com/viQPDPHRf7— Doordarshan National (@DDNational) September 10, 2020
इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पर्ली सहित चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, वायुसेनाध्यक्ष आरकेएस भदौरिया सहित अन्य लोग हिस्सा ले रहे हैं। विमान को विधिवत तौर पर वायुसेना की 17वीं स्कवाड्रन में शामिल किया जाएगा। वायुसेना (Indian Air Force) की दशकों पुरानी और भारत-पाक युद्ध में अहम भूमिका निभा चुकी 17 स्क्वाड्रन गोल्डन एरो के कंधों पर राफेल की जिम्मेदारी है। इस स्क्वाड्रन को खत्म कर दिया गया था। मगर अब इसे राफेल के लिए फिर पुनर्जीवित किया गया है।
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