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Himachal में यहां बेरोजगारों को मिलेगा रोजगार, नेशनल बैंबू मिशन के तहत प्रोजेक्ट तैयार
ऊना। हिमाचल के ऊना (Una) जिला में वन विभाग के माध्यम से लोगों को आजीविका प्रदान करने के लिए वन विभाग और ग्रामीण विकास अभिकरण (Rural Development Agency) ने साथ मिलकर काम करने का फैसला लिया है। इसी तर्ज पर नेशनल बैंबू मिशन (National Bamboo Mission) के तहत एक प्रोजेक्ट तैयार किया है। वन विभाग (Forest Department) के माध्यम से इस परियोजना पर 9.57 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसमें मनरेगा के माध्यम से करीब एक लाख पौधा तैयार किया जा रहा है और इसमें बैंबू समेत अन्य सभी प्रकार के पौधे तैयार किए जा रहे हैं।
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मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों को इससे एक तरफ जहां रोजगार मिल रहा है। वहीं, पर्यावरण संरक्षण को बल मिल रहा है। इस पौधशाला में जहां बैंबू के पौधे तैयार कर बैंबू उत्पाद बनाने वाले कारीगरों को बांस उपलब्ध होगा। वहीं, वन विभाग द्वारा तैयार करवाए जा रहे अन्य पौधे वन महोत्सवों के माध्यम से पंचायत स्तर पर रोपित किये जायेंगे। जिला ऊना में नेशनल बैंबू मिशन के तहत भी लोगों को प्रशिक्षित कर बांस के उत्पाद भी तैयार किये जा रहे है। जिसके लिए ऊना (Una) में ही बैंबू आर्ट गैलरी (Bamboo Art Gallery) भी स्थापित की जा रही है। डीआरडीए के प्रोजेक्ट ऑफिसर संजीव ठाकुर ने बताया कि अभी तक जो नेचुरल पौधे बैंबू के हैं, उन्हें हार्वेस्ट किया जा रहा है। भविष्य में भी यह पौधे हमारे पास उपलब्ध रहें, इस योजना के तहत यह पौधशाला तैयार करवाई गई है।
वहीं डीएफओ ऊना (DFO Una) मृत्युंजय माधव ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि इस योजना के तहत एक लाख के करीब पौधों को तैयार किया जाये। इसमें स्थानीय ग्रामीण लोगों को भी रोजगार मिल रहा है। साथ में विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी कदम बढ़ाया जा रहा है। पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधों को तैयार करने का यह प्रयास लगातार जारी है। इस माध्यम से जो नोबेल कंसेप्ट नेशनल बैंबू मिशन के तहत आया है, यह मनरेगा की ताकत बन चुका है। इसमें न केवल लोगों को रोजगार दिया जा सकता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण भी किया जा सकता है और आने वाले 10 साल में इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।
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घर द्वार पर मिला लोगों को रोजगार
ग्राम पंचायत बटुहि के गांव घंडावल में स्थित वन विभाग की पौधशाला में स्थानीय मनरेगा लेबर को रोजगार मिला है जिससे उन्हें घर द्वार पर ही काम मिलने से वो खासे उत्साहित है। ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान गुरदयाल सिंह की माने तो उनकी ग्राम पंचायत में मनरेगा तहत 200 लोग पंजीकृत हैं। वन विभाग और जिला ग्रामीण विकास अभिकरण की तरफ से अच्छी पहल की गई है। गांव में स्थित वन विभाग पौधशाला में कार्य करने वाली मनरेगा लेबर की माने तो इससे जहां एक और उन्हें घर द्वार पर रोजगार मिला है वहीं अपने बच्चों के पालन पोषण के लिए भी सहारा मिल रहा है।