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आज से शुरू हो रहा है गणेश उत्सव, जानें स्थापना मुहूर्त और पूजा की विधि
सनातन धर्म में सबसे लोकप्रिय त्योहार में से एक गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) की शुरुआत आज होने वाली है। ये पर्व पूरे 10 दिन बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भक्त भगवान गणेश(Lord Ganesha) की प्रतिमा अपने घर लेकर आते हैं फिर 10 दिन भक्ति भाव से पूजा करने के बाद 11वें दिन भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है।
गणेश चतुर्थी पर शुभ योग
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर हुआ था। आय यानी 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी है। इस दिन देशभर में गणपति स्थापना होगी। इसके लिए दिनभर में 3 मुहूर्त रहेंगे। मूर्ति स्थापना सूर्यास्त के पहले करने का विधान है। गणेश पुराण के मुताबिक गणपति का जन्म चतुर्थी तिथि और चित्रा नक्षत्र में मध्याह्न काल, यानी दिन के दूसरे पहर में हुआ था। ये शुभ काल सुबह 11.20 बजे से शुरू हो रहा है। गणेश चतुर्थी पर इस बार सुमुख नाम का शुभ योग बन रहा है। ये गणेशजी का एक नाम भी है। इसके साथ पारिजात, बुधादित्य और सर्वार्थसिद्धि योग बन रहे हैं। ज्योतिषियों का मानना है कि इस संयोग में गणपति स्थापना का शुभ फल और बढ़ जाएगा। वहीं गणेश विसर्जन 17 सितंबर 2024, मंगलवार के दिन किया जाएगा। कई लोग अपने घरों में एक दिन के लिए, कोई डोल ग्यारस तक, तो कोई अनंत चतुर्दशी तक गणपति बप्पा की प्रतिमा विराजमान करता है।
गणेश चतुर्थी की पूजा विधि
- गणेश चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं.
- इसके बाद पूजा घर की अच्छी तरह साफ सफाई करके भगवान गणेश की विधिवत उपासना करें.
- इसके के लिए शुभ मुहूर्त में ईशान कोण में लकड़ी की चौकी स्थापित करें.
- अब चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं.
- इसके बाद बप्पा की प्रतिमा को इस चौकी पर विराजमान करें.
- नियमित रूप से प्रतिदिन भगवान गणेश की उपासना करें.
- 11वें दिन श्रद्धा भाव से भगवान गणेश को विदा करें.
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