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गणेश चतुर्थी को चंद्रमा के दर्शन करने से आखिर क्यों लगता है कलंक, जानें
हिंदू धर्म में हर एक त्योहार का एक अलग ही महत्व है व इन्हें बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस साल गणेश चतुर्थी का शुभारंभ 19 सितंबर को हो रहा है। आपकों बता दें कि दस दिवसीय चलने वाले गणेश चतुर्थी के पर्व के दौरान गणपति बप्पा को घर में लाया जाता है और बप्पा की विधिवत पुजा अर्चना कर स्थापना की जाती है। हर दिन बप्पा को उनके पंसदीदा व्यंजनों का भोग लगाया जाता है व उनकी पूजा की जाती है। आखिरी दिन बप्पा का बड़ी ही धूमधाम व श्रद्धा भाव के साथ विसर्जन किया जाता है।
गणेश चतुर्थी से जुड़े हैं ऐसे कई रहस्य
गणेश चतुर्थी से जुड़े कई रहस्य व रोचक कहानियां हैं। माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए, नहीं तो श्री गणेश रुष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को दोष व कलंक लगता है। साथ ही जो भी भक्त की भक्ति बप्पा के प्रति होती है वह भी विफल हो जाती है। ऐसा माना जाता है कि एक बार चंद्र देव ने श्री गणेश के रूप को देखकर उनके रूप पर टिप्पणी करते हुए कहा कि गणेश जी का बड़ा पेट और हाथी का सिर है और वो दिखने में सबसे भिन्न लग रहे हैं। चंद्र देव की इस बात को सुनकर गणपति बेहद रूष्ट हो गए। भगवान गणेश ने चंद्रमा को उनकी गलती का एहसास कराने के लिए विनम्रता पूर्वक दंड देने का निर्णय किया।
भगवान गणेश ने चंद्रमा को दिया श्राप
भगवान गणेश ने चंद्रमा को श्राप दिया कि कोई भी गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा की पूजा नहीं करेगा और साथ ही चंद्र दर्शन भी नहीं करेगा। गणपति ने श्राप देते हुए यह कहा कि जो भी चतुर्थी तिथि के दिन चंद्रमा के दर्शन करेगा उसे जीवन में कलंक का सामना करना पड़ेगा। गणपति के श्राप के बाद चंद्रमा टूट गए और उन्हें अपने गलती तथा अहंकार का एहसास हो गया। भगवान गणेश के श्राप से चंद्रमा का घमंड टूटकर चूर हो गया।
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चंद्रमा ने की शिवजी की तपस्या, मांगा वरदान
भगवान गणेश के श्राप के बाद चंद्र देव काफी टूट गए व उन्होंने शिव जी की तपस्या शुरू की। चंद्र देव की कठिन तपस्या से खुश होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए व वरदान मांगने के लिए कहा जिस पर चंद्रमा ने भगवान गणेश के दिए श्राप से मुक्ति मांगी। भगवान शिवजी के बोलने पर गणेश भगवान ने चंद्रमा को माफ किया व श्राप का उपाय चंद्रमा को बताया। गणपति ने चन्द्रमा से कहा कि चूंकि उन्होंने भाद्रपद मास की गणेश चतुर्थी के दिन उनका अपमान किया था इसलिए उस दिन को छोड़कर बाकी दिनों में चंद्रमा दर्शन शुभ माना जाएगा। ऐसा माना जाता है कि अगर इस दिन चंद्र दर्शन गलती से हो भी जाए तो गणेश जी के किसी मंत्र का जाप करें साथ ही दान पुण्य करें।