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Himachal के इस जिला में बेटियों के जन्म पर मनाया जाता है उत्सव
केलांग। हिमाचल में एक ऐसा गांव है जहां बेटियों के जन्म पर उत्सव मनाया जाता है। इस गांव का नाम प्यूकर है और यह हिमाचल के जिला लाहुल स्पीति (Lahul Spiti) में है। इस गांव में सदियों से बेटियों के जन्म (Birth of Daughters) पर साल में चार दिन उत्सव मनाया जाता है जिसे गोची उत्सव कहा जाता है। इस वर्ष यह उत्सव 4 फरवरी से 8 फरवरी तक मनाया गया। बता दें कि जनजातीय जिला लाहुल स्पीति के गाहर घाटी में हालडा-कुस उत्सव मनाया जाता था। इसके बाद गोची उत्सव मनाया जाने लगा। लड़कों के जन्म पर यह गोची उत्सव मनाने की परंपरा है। बेटे के जन्म पर परिवार पूरे गांव और रिश्तेदारों को गोची उत्सव पर धाम के लिए निमंत्रण भेजता है, जबकि बच्चे के खुशहाल भविष्य के लिए इष्ट देवता की पूजा अर्चना की जाती है।
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इसी तरह से घाटी के प्यूकर गांव में गोची उत्सव (Gochi Utsav) बेटियों के जन्म पर मनाया जाता हैं। इस दौरान लोग गांव के मुख्य देवता तंगजर की विशेष पूजा अर्चना के साथ बच्चों की बेहतर भविष्य के लिए कामना करते हैं। देवता की पूजा के बाद शाम को तीर-कमान का खेल खेला जाता है। नृत्य (Dance) किया जाता है और जश्न मनाया जाता हें। गांव के युवक छेरिंग टशी छरजिपा ने बताया की गांव मे बीते एक वर्ष मे 3 बच्चों का जन्म हुआ, जिसमें 2 बेटी और 1 बेटे का जन्म हुआ। जिससे गांव में 3 घर में गोची मनाया गया। उन्होंने कहा आजकल लड़कियां अपनी मेहनत और हौसले के बलबूते नई बुलंदियों को छू रही हैं। बेटा-बेटी एक समान है। प्यूकर गांव (Pukar village) में बेटे के साथ-साथ बेटी के जन्म पर गोची उत्सव का आयोजन कर परिवार के साथ पूरा गांव गर्व महसूस कर रहा है।
डीसी लाहुल ने गोची उत्सव में सम्मानित किए परिवार
वहीं डीसी लाहुल स्पीति (DC Lahul Spiti) पंकज राय खुद प्यूकर गांव के गोची उत्सव में पहुंचे और जिनके घर में गोची है उन परिवारों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि बेटे के साथ साथ बेटी की जन्म पर भी इस तरह की पहल समाज के लिए सराहनीय है। इस परंपरा को कायम रखने के लिए सभी को बधाई दी। पंकज राय ने कहा कि स्नो फेस्टिवल (Snow festival) से पर्यटकों में भी लाहुल की यात्रा के प्रति बहुत उत्साह है। भविष्य में पर्यटकों को भी लाहुल की संस्कृति से भागीदारी कर रु.ब.रु होने का मौका मिलेगा।
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