-
Advertisement
गूगल पर सीसीआई ने 936.44 करोड़ रुपए का लगाया जुर्माना, जानिए क्या प्रतिक्रिया आई
सीसीआई (CCI) ने गूगल पर 936.44 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना गूगल को प्ले स्टोर पॉलिसीज (Play Store Policies) के जरिए डॉमिनेंट पोजीशन (Dominant Position) का दुरुपयोग करने के लिए लगाया है। भारत के काम्पीटीशन कमीशन (Competition Commission India) के लगाए दूसरे जुर्माने के बाद गूगल (Google) का बयान भी सामने आया है। गूगल ने इस संबंध में कहा है कि भारतीय डेवलपर्स को एंड्रायड और गूगल से प्रदान की जाने वाली तकनीक, सुरक्षा और फ्लेक्सिबिलिटी से फायदा हुआ है। कॉस्ट को कम रखते हुए हमारे मॉडल ने भारत के डिजिटल ट्रांसफार्मेशन (Digital Transformation) की गति दी है और करोड़ा भारतीयों का विस्तार भी किया है। हमने यूजर्स और डेवलपर्स के लिए वचनबद्ध (Committed to Developers) हैं। पिछले हफ्ते शुक्रवार को सीसीआई ने एंड्रायड मोबाइल डिवाइस इकोसिस्टम (Android mobile device ecosystem) में अपनी अपनी डॉमिनेंट पोजीशन का दुरुपयोग के लिए गूगल पर 1337 करोड़ जुर्माना लगाया था। इस तरह अब गूगल पर जुर्माना बढ़कर 2274 करोड़ रुपए हो गया है। वहीं जब पहली बार जुर्माना लगाया गया था तो इस पर गूगल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि यह इंडियन यूजर्स के लिए एक बड़ा झटका है।
यह भी पढ़ें:फ्री में नेटफ्लिक्स व डिज्नी+ हॉटस्टार दिखाने वाले प्लान बंद
यह जुर्माना लगाने का पहला कारण (First reason for imposing a fine) यह है कि गूगल ने अपने प्ले स्टोर पर पब्लिश होने वाले हर ऐप पर यह दबाव बनाया था कि वे ऐप से जुड़े हर पेमेंट प्लेटफॉर्म (Payment Platform) गूगल-पे के जरिए प्रोसे करे। इन ऐप परचेज गूगल पे के जरिए किया जाए। इस ऐप पब्लिशर्स ने आपत्ति जताई थी। सीसीआई ने माना कि यह दबाव गलत है। इससे ऐप पब्लिशर्स बेहतर डील मिलने के बावजूद बाकी पेमेंट प्लेटफॉर्म से टाई-अप नहीं कर पाते हैं। इसके साथ ही इसे बाकी पेमेंट प्लेटफॉर्म को गलत तरीके से दबाने और बाजार में मोनोपाली (Monopoly) बनाने का जरिया माना गया। गूगल का एंड्रॉयड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला मोबाइल ओएस है। गूगल ने फोन निर्माता कंपनियों (Phone Manufacturing Companies) पर दबाव बनाया था कि वह हर नए फोन गूगल के ऐप्स डिफॉल्ट के तौर पर शामिल करें। उन्हें इसी शर्त पर एंड्रॉयड के इस्तेमाल की इजाजत मिलती है। सीसीआई ने इसे भी गलत माना। इससे एंड्रॉयड फोन्स पर गूगल के ऐप्स की मोनोपली बन रही थी। सैमसंग जैसी कंपनियां जो अपने सर्च इंजन भी यूजर्स को देती हैं, उनके लिए यह शर्त मुश्किलें बढ़ा रही थी।