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यूं तो आप ने साग (Greens) खाया होगा। सरसों का साग, मेथी का साग (Methi Ka saag), बथुए का साग और पालक (spinach) आदि। पर क्या आपने तीन हजार किलो वाला साग कभी खाया है। नहीं ना। तो चलिए आज हम आपको एक ऐसे साग के बारे में बताते हैं जो तीन हजार रुपए किलो है और इसकी सप्लाई कुछ चुनिंदा होटलों में ही होती है। इस साग की खेती पेरिस (Paris) में की जाती है। यह साग सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। सर्दियों में तो इसे सुपरफूड भी माना जाता है। इसकी कीमत 26 से 28 पाउंड यानी 27 हजार से तीन हजार रुपए किलो तक है। इस साग की खेती फ्रांस (France) की राजधानी पेरिस से तीस किलोमीटर की दूरी पर रहने वाले टोक्यो मूल निवासी आसफुमी यामाशिता करते हैं। याशमिता ने 1975 में 22 वर्ष की उम्र में पेरिस से पढ़ाई की थी।
उनकी बॉक्सिंग और गोल्फ में दिलचस्पी थी। मगर खेती के शौक में उन्होंने इससे भी किनारा कर लिया। इसके बाद वह जापान आ गए। यहां भी इनका मन नहीं लगा और पेरिस लौट आए। यहां आकर उन्होंने सब्जी की खेती शुरू कर दी। सन 1989 में पेरिस में एक बोन्साई व्यवसाय स्थापित किया। इस दौरान उन्होंने 500 डॉलर का निवेश किया। इससे उन्होंने बीज खरीदा। उन्होंने कोमात्सुना (komatsuna) जिसे जापानी सरसों का साग कहा जाता है और हत्सुका डाइकॉन जिसे जापानी मूली कहा जाता है की खेती की। इस खेती को इन्होंने यामाशिता स्पिनेच का नाम दिया। यह साग दुनिया में सबसे महंगा साग है। इसको चुनिंदा होटलों में ही सप्लाई किया जाता है। इसमें विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद है।यह लोगों को क्रोनिक बीमारियों से बचा सकता है, साथ ही यह दिमाग के लिए भी इसे फायदेमंद माना जाता है, हृदय और आंखों के लिए भी इसका सेवन काफी लाभकारी है।
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