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Himachal Political Crisis: 6 बागियों को सुप्रीम कोर्ट से तत्काल कोई राहत नहीं, अब सोमवार को सुनवाई
Six Rebels: नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले कांग्रेस के 6 बागियों (6 rebels of Congress) की ओर से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दायर स्टे एप्लीकेशन पर मामले की सुनवाई में तत्काल कोई राहत नहीं मिली है और अदालत ने मामले को अगले सप्ताह के लिए टाल दिया।मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने की। छह बागियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे समय पर सुनवाई में शामिल नहीं हो सके। इसलिए मामला दोपहर तक के लिए टाल दिया गया। बाद में वकील साल्वे की ओर से पेश काउंसिल ने तीन जजों की बेंच से मामले को शुक्रवार या सोमवार के लिए टालने का आग्रह किया। कोर्ट ने सुनवाई अगले 18 मार्च , सोमवार के लिए तय करने का फैसला किया।
सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले हाईकोर्ट ना जाने को लेकर भी सवाल
हिमाचल विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया(Himachal vidhansabha Speaker Kuldeep Singh Pathania) और अन्य की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी सुनवाई में शामिल हुए, लेकिन उन्होंने स्थगन का विरोध नहीं किया।छह बागियों ने अदालत के सामने यह तर्क रखा कि चूंकि उन्हें पक्ष नहीं रखने दिया गया। इसलिए हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष द्वारा दिए गए आदेश को खारिज कर दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ताओं के जवाब में, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने कहा कि प्रतिवादी ने दावे को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि सेवाएं ईमेल और व्हाट्सएप (ऑनलाइन माध्यम) के माध्यम से दी गई थीं, और याचिकाकर्ताओं ने कोई जवाब नहीं दिया। जस्टिस खन्ना ने याचिकाकर्ताओं से सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले हाई कोर्ट ना जाने को लेकर भी सवाल किया।
जाहिर है विधानसभा स्पीकर ने बीते 29 फरवरी को सुजानपुर से बागी विधायक राजेंद्र राणा, धर्मशाला से सुधीर शर्मा, लाहुल स्पीति से रवि ठाकुर, बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलेहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो को अयोग्य घोषित ठहराया था।