-
Advertisement
HPU के VC की नियुक्ति को चुनौती देने के मामले में सरकार को नोटिस
शिमला। एचपीयू (HPU) के वाइस चांसलर (VICE CHANCELLOR) की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने राज्य सरकार को नोटिस (Notice) जारी कर जवाब तलब किया है। प्रार्थी धर्मपाल द्वारा दायर याचिका कि प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात् मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी और न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने फिलहाल निजी तौर पर प्रतिवादी बनाए गए वाइस चांसलर को नोटिस जारी नहीं किया है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि वाइस चांसलर की नियुक्ति नियमों के विरुद्ध की गई है। याचिका के माध्यम से अदालत (Court) को बताया गया कि प्रतिवादी वाइस चांसलर को यूजीसी द्वारा जारी रेगुलेशन के तहत 19 मार्च 2011 प्रोफेसर के पद पर पदोन्नत किया गया था। 29 अगस्त 2017 को हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए।
यह भी पढ़ें: गुड़िया मामला: CBI जांच से असंतुष्ट परिजनों ने मांगी दोबारा जांच, तीन को होगी सुनवाई
प्रतिवादी ने चयन कमेटी को गुमराह करते हुए अपने आवेदन में अनुभव के बारे में गलत तथ्य दिए। प्रतिवादी ने आवेदन में छ वर्ष और चार महीनों का अनुभव दिया और 1 जनवरी 2009 से अपने आप को प्रोफेसर बताया, जबकि प्रतिवादी को यूजीसी (UGC) द्वारा जारी रेगुलेशन के तहत 19 मार्च 2011 प्रोफेसर के पद पर पदोन्नत किया गया था। यही नहीं प्रतिवादी ने 10 जून 2008 से 31 दिसंबर 2008 तक के समय को दो बार गिना, जोकि यूजीसी के रेगुलेशन के विपरीत है। प्रार्थी ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई है कि प्रतिवादी को आदेश दिए जाएं कि वह एचपीयू के वाइस चांसलर की नियुक्ति के लिए अपनी योग्यता अदालत को बताएं और यदि उसकी योग्यता यूजीसी के रेगुलेशन के विपरीत पाई जाती है तो उस स्थिति में उसकी नियुक्ति रद्द की जाए। मामले की सुनवाई 19 अप्रैल को निर्धारित की गई है।