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हिमाचल में भूस्खलन रोकने के लिए ‘मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना’ का ऐलान
शिमला। हाल ही में कुदरत का कहर (Natural Calamity) झेल चुके हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार ने हरियाली को बढ़ाने के लिए मंगलवार को ‘मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना’ का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस योजना से भूमि के क्षरण (Land Erosion) और भूस्खलन से पहाड़ के ढलान की मिट्टी और पत्थरों को खिसकने (Landslide) से रोकने में मदद मिलेगी। सीएम सुक्खू ने यहां कैबिनेट की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी। सुक्खू कैबिनेट ने इसके अलावा नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टॉफ के अतिरिक्त 136 पद और नगरीय निकायों में विभिन्न श्रेणी के 87 पदों को भरने पर भी मुहर लगाई है। मंत्रिमण्डल ने राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात विशेष पुलिस अधिकारियों के मानदेय में 500 रुपये प्रतिमाह की बढ़ोत्तरी करने का भी निर्णय लिया है।
सीएम ने योजना के जमीनी क्रियान्वयन के लिए एक टास्क फोर्स के गठन को भी मंजूरी दी है, जिसके अध्यक्ष मुख्य वन संरक्षक होंगे। इसके अलावा योजना के लिए चुने गए स्थानों का रखरखाव अगले 7 साल के लिए किया जाएगा, जिसमें पौध रोपण और स्थानीय नागरिकों की मदद ली जाएगी।
IGMC में 136 पदों पर होगी भर्ती
कैबिनेट ने शिमला के IGMC में ट्रॉमा सेंटर और इमरजेंसी मेडिसन विभाग को कार्यशील करने तथा रोगियों की सुविधा के दृष्टिगत नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टॉफ के अतिरिक्त 136 पद सृजित (136 Posts) कर भरने की स्वीकृति दी है। इससे संबंधित सभी छह विभागों न्यूरोसर्जरी, रेडियोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, अनेस्थिसिया, ऑर्थोपेडिक और जनरल सर्जरी में तीन चरणों में चौबीसों घण्टे सेवाएं सुनिश्चित हो सकेंगी। इसके अलावा नगर परिषदों और नगर पंचायतों में विभिन्न श्रेणियों के 87 पदों को भरा जाएगा। मंत्रिमण्डल ने प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के दृष्टिगत राजस्व विभाग में परियोजना प्रबन्धन इकाई की स्थापना तथा इसके लिए विभिन्न श्रेणियों के 14 पद सृजित कर भरने का निर्णय लिया है। मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग में विभिन्न श्रेणियों के 7 पद सृजित कर भरने को स्वीकृति प्रदान की।
कैबिनेट के अन्य फैसले
- मण्डी जिले के धर्मपुर एवं पधर में नए स्थापित सिविल कोर्ट तथा नूरपुर, देहरा, पालमपुर, पावंटा साहिब और रोहड़ू में नव स्थापित अतिरिक्त ज़िला एवं सत्र न्यायालय में सहायक जिला न्यायवादी के पद सृजित होंगे।
- पॉस्को कोर्ट और सीबीआई कोर्ट में उप ज़िला न्यायवादी के 7 पद सृजित किए जाएंगे।
- शहरी क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों का समुचित रिकॉर्ड तैयार करने के लिए हिमाचल प्रदेश नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पंचायतों में परिवार रजिस्टर का रखरखाव नियम, 2023 के प्रारूप को मंजूरी।
- हिमाचल प्रदेश पट्टा नियम-2013 (वर्ष 2016 एवं 2017 में संशोधित) पर भी एक प्रस्तुतिकरण दिया गया।
- जल विद्युत परियोजनाओं को लीज प्रदान करने के मुद्दे का समग्र रूप से परीक्षण करने तथा इनसे ली जाने वाली पट्टे की राशि के बारे में संस्तुति का भी निर्णय लिया गया।
- राज्य में लोकमित्र केन्द्रों के माध्यम से प्रदत्त सेवाओं के लिए ली जाने वाली राशि के युक्तिकरण को भी स्वीकृति प्रदान की।
- वस्तु एवं सेवा कर परिषद की सिफारिशों के क्रियान्वयन के दृष्टिगत केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर विधेयक, 2023 को भी स्वीकृति प्रदान की।
- हिमाचल प्रदेश नौतोड़ नियम, 1968 को दो वर्षों के लिए कार्यान्वित करने का भी निर्णय लिया गया। यह क्षेत्र नेशनल पार्क, अभयारण्य, संरक्षित क्षेत्र (कंजर्वेशन रिजर्व), सामुदायिक संरक्षित (कॉम्युनिटी रिजर्व), संरक्षित वन, डीपीएफ के अन्तर्गत नहीं होना चाहिए। नौतोड़ के लिए प्रस्तावित भूमि में खड़े पेड़ों की संख्या दो से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह भूमि केवल घरेलू उपयोग के लिए ही उपलब्ध करवाई जाएगी और संबंधित व्यक्ति की किसी भी प्रकार के वन अपराधों में संलग्नता नहीं होनी चाहिए।