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#Monsoon_ Session: कोरोना काल में निजी स्कूलों की फीस को लेकर क्या बोली सरकार
Last Updated on September 10, 2020 by saroj patrwal
शिमला। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (Himachal Pradesh Board of School Education) व सीबीएसई (CBSE) से एफिलिएटिड निजी स्कूलों की कोरोना (Corona) काल में प्रदेश सरकार द्वारा फीस कम नहीं की गई थी। निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस के अतिरिक्त छात्रों व अभिभावकों से किसी भी प्रकार की फीस वसूल ना करने, ट्यूशन फीस (Tuition Fees) त्रैमासिक आधार पर जमा ना करके केवल मासिक आधार पर एकत्र करने, शिक्षण शुल्क केवल उन वर्गों से लेने, जिन्हें ऑनलाइन शिक्षण सामग्री कक्षाएं प्रदान की गई हैं के निर्देश दिए गए थे। ट्यूशन फीस में कोई वृद्धि ना करने और ट्यूशन शुल्क में किसी भी अन्य शुल्क/छिपे हुए शुल्क को नहीं जोड़ने, लॉकडाउन की अवधि के दौरान परिवहन शुल्क ना लेने, किसी भी छात्र को लॉकडाउन (Lockdown) में उत्पन्न वित्तीय संकट के कारण शुल्क का भुगतान ना करने पर ऑनलाइन कक्षाओं पठन सामग्री से वंचित ना करने के भी निर्देश जारी किए गए थे। किसी अभिभावक द्वारा लॉकडाउन अवधि के दौरान ट्यूशन फीस जमा ना करने की स्थिति में जुर्माना ना लगाने और छात्रों का नाम स्कूल रोल से नहीं हटाए जाने के निर्देश दिए गए थे। इस मामले पर हाईकोर्ट द्वारा एक याचिका में 24 अगस्त को विस्तृत आदेश जारी किए गए हैं। यह जानकारी विधानसभा के मानसून सत्र (#Monsoon Session) के दौरान नालागढ़ के विधायक लखविंदर सिंह राणा के लिखित सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने दी।
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शिक्षा मंत्री ने बताया कि निजी स्कूलों की फीस का निर्धारण प्रदेश सरकार द्वारा नहीं किया जाता, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड व सीबीएसई से संबद्धता प्राप्त निजी स्कूलों में प्रति वर्ष फीस को नियंत्रित करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा समय समय पर समस्त निजी स्कूल (Private Schools) के प्रबंधकों, प्रधानाचार्यों व मुख्याध्यापकों को स्कूल में सामान्य सभा का आयोजन कर अभिभावकों की सहमति से आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए फीस व फंड निर्धारण करने के निर्देश दिए गए हैं कि वे स्कूल की फीस व निधियां शोषण करने वाली संस्था ना होकर शिक्षा के प्रसार में सहयोग देने वाली, कर्मचारी वृंद को प्रदान किए जाने वाले वेतन व आधारिक संरचना के विकास और छात्रों को दी जा रही सुविधाओं एवं क्रियाकलापों के अनुरूप होनी चाहिए।हिमाचल प्रदेश में सीबीएसई से संबंद्धता प्राप्त निजी पाठशालाओं में सरकारी पाठशालाओं (Govt School) की तर्ज पर छुट्टियां दिलवाने बारे सरकार का कोई विचार नहीं है। हिमाचल प्रदेश में सरकारी पाठशालाओं के लिए हिमाचल प्रदेश शिक्षा कोड 2012 लागू किया गया है, जबकि पूरे भारत वर्ष में सीबीएसई से संबंद्धता प्राप्त निजी पाठशालाओं में केंद्रीय शिक्षा बोर्ड नई दिल्ली द्वारा जारी संबंद्धता नियम लागू होता है तथा सीबीएसई से संबंद्धता प्राप्त निजी पाठशालाओं में छुट्टियां केंद्रीय शिक्षा बोर्ड द्वारा निर्धारित नियमानुसार प्रदान की जाती हैं।