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हिमाचल हाईकोर्ट में भी नहीं हुआ सीमेंट विवाद मामले का फैसला, सुनवाई टली
Last Updated on January 13, 2023 by sintu kumar
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प्रार्थी रजनीश शर्मा का कहना है कि कंपनी ने बिना पूर्व सूचना के इन फैक्ट्रियों को बंद कर दिया जिससे हजारों लोगों के रोजगार पर गहरा प्रभाव पड़ा और अनेकों परिवारों पर विस्थापन का संकट आ गया है। दोनों फैक्ट्रियों में सीधे तौर पर 7500 के करीब ट्रांसपोर्टर जुड़े हैं जिनके सैंकड़ों पारिवारिक सदस्यों पर जीवन यापन का संकट पैदा हो गया है। प्रार्थी ने आपसी समझौते से मामले को सुलझाने के पश्चात फैक्ट्रियों को शुरू करने के आदेशों की मांग की है। प्रार्थी ने यह भी मांग की है कि यदि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो तो प्रभावितों को पूर्व में सूचना दी जाए। मामले पर 3 मार्च को सुनवाई होगी।
सरकार अडानी ग्रुप से बातचीत कर कोई हल निकालने का कर रही प्रयास
मैसर्स अदाणी पावर लिमिटेड (M/s Adani Power Limited) के 280 करोड़ रुपए ब्याज सहित लौटने से जुड़े मामले पर सुनवाई 3 मार्च को होगी। सरकार ने प्रदेश हाईकोर्ट को बताया कि 280 करोड़ रुपए की अग्रिम प्रीमियम राशि को 9 फीसदी ब्याज सहित मैसर्स अदाणी पावर लिमिटेड को वापिस करने से जुड़े मसले पर अडानी ग्रुप से बातचीत कर कोई हल निकालने की कोशिश की जा रही है ताकि प्रदेश सरकार को कोई आर्थिक नुकसान न हो। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष सरकार और अडानी ग्रुप द्वारा एक दूसरे के विरुद्ध दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट की एकल पीठ ने सरकार को जंगी-थोपन-पोवारी विद्युत परियोजना के लिए जमा किए गए 280 करोड़ रुपए की राशि वापिस करने के आदेश दिए थे। सरकार ने इस मामले में अपील करने में देरी कर दी थी। अतः सरकार को अपील दायर करने में हुई देरी को माफ करने की अर्जी भी देनी पड़ी थी। सरकार ने फीस वापसी के आदेशों पर रोक लगाने की गुहार भी लगाई थी परंतु कोर्ट ने एकल पीठ के आदेशों पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।