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हिमाचल हाईकोर्ट: एसीसी और अंबुजा सीमेंट फैक्ट्रियों को खोलने को लेकर दायर याचिका ली वापिस
Last Updated on January 4, 2023 by saroj patrwal
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) से अडानी कंपनी (Adani Company) द्वारा बंद की गई एसीसी और अंबुजा सीमेंट फैक्ट्रियों (ACC and Ambuja Cement Factories) को खोलने के निर्देशों की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका को याचिकाकर्ता ने वापिस ले लिया। प्रार्थी ने कोर्ट से याचिका में पाई गई तकनीकी खामियों और अन्य त्रुटियों को दूर कर फिर से याचिका दायर करने की इजाजत मांगी थी। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने याचिका को नए सिरे से दायर करने की स्वतंत्रता देते हुए इस जनहित याचिका को वापिस लेने की इजाजत दे दी। उल्लेखनीय है कि माल भाड़े को लेकर कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स के बीच विवाद चल रहा है। विवाद न सुलझने पर कंपनी प्रबंधन ने 15 दिसंबर से दोनो प्लांट (Plant) बंद कर दिए थे। दोनों प्लांट को हाल ही में अडानी ग्रुप ने खरीदा है।
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कंपनी ने सीमेंट, क्लिंकर व कच्चे माल की ढुलाई में लगी ट्रक ऑपरेटर्स सोसाइटियों (Truck Operators Unions) से रेट कम करने को कहा था। कंपनी ने पत्र के माध्यम से कहा था कि वे मौजूदा रेट पर माल ढुलाई करने को तैयार नहीं हैं, क्योंकि इसके कारण सीमेंट की उत्पादन लागत बढ़ रही है। इससे कंपनी को नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रार्थी रजनीश शर्मा का कहना था कि कंपनी ने बिना पूर्व सूचना के इन फैक्ट्रियों को बंद कर दिया जिससे हजारों लोगों के रोजगार पर गहरा प्रभाव पड़ा और अनेकों परिवारों पर विस्थापन का संकट आ गया है। दोनों फैक्ट्रियों में सीधे तौर पर 7500 के करीब ट्रांसपोर्टर जुड़े हैं जिनके सैंकड़ों पारिवारिक सदस्यों पर जीवन यापन का संकट पैदा हो गया है। प्रार्थी ने आपसी समझौते से मामले को सुलझाने के पश्चात फैक्ट्रियों को शुरू करने के आदेशों की मांग की थी। प्रार्थी ने यह भी मांग की थी कि यदि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो तो प्रभावितों को पूर्व में सूचना दी जाए।