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हिमाचल की नदियों और नालों में डंपिंग पर तुरंत प्रभाव से रोक
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने प्रदेश में नदियों और नालों में डंपिंग पर तुरंत प्रभाव से रोक (Banned Dumping in Rivers and Drains) लगा दी है। कोर्ट ने प्रदेश के सभी स्थानीय नगर निकायों को आदेश दिया है कि वे कस्बों में गीले और सूखे कचरे को सही तरीके से अलग कर कचरे का संग्रह सुनिश्चित करें और सप्ताह में कम से कम तीन बार कचरा इकट्ठा करें। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने विभिन्न जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किए। कोर्ट ने रोजाना कूड़ा एकत्रित करने वाले स्थानों में प्रतिदिन कूड़ा उठाने की व्यवस्था जारी रखने के आदेश भी दिए। कोर्ट ने सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मियों को आदेश दिए हैं कि वे ठोस और गीले कचरे को अलग-अलग एकत्र करें और निर्दिष्ट वाहनों को लगाकर अलग-अलग ठिकाने तक पहुंचाए। सभी नगर पालिका अधिकारियों को आदेश का पालन करने के लिए अपने संसाधनों को बढ़ाने के लिए दो सप्ताह का समय भी दिया गया है।
व्यक्तिगत हलफनामा अगली सुनवाई तक दायर करें
कोर्ट ने अपने आदेशों की अनुपालना की जिम्मेदारी संबंधित आयुक्तों, नगर निगमों के सचिवों, नगर पालिका परिषदों के कार्यपालक अधिकारियों एवं नगर पंचायतों के सचिवों पर डाली है। उक्त अधिकारियों को कोर्ट के इन आदेशों को लागु करने के संबंध में अपना निजी शपथ पत्र मामले की अगली सुनवाई तक दाखिल करने को कहा गया है। इसके अलावा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि इस मामले में कोर्ट के आदेशों को अक्षरशः लागू किया जाए और वे अपना व्यक्तिगत हलफनामा अगली सुनवाई तक दायर करे।
मामले की अगली सुनवाई 11 मई को होगी
सुनवाई के दौरान कोर्ट (Court) को बताया गया कि नगर निगम ने कूड़े कचरे की समस्या की शिकायत के लिए टोल फ्री नम्बर जारी किया है। जिस पर कोर्ट ने नगर निगम को प्रिंट, समाचार और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापनों के माध्यम से टोल फ्री नंबर 9805201916 का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के आदेश भी दिए। कोर्ट ने पाया कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों के लिए चयनित कूड़ा निस्तारण साइटों को एफसीए अप्रूवल का इंतजार है इसलिए कोर्ट ने क्षेत्रीय कार्यालय, पर्यावरण वन संरक्षण मंत्रालय, भारत सरकार को प्रतिवादी के रूप में पक्षकार बनाया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल को बिलासपुर, घुमारवीं, चुवाड़ी, बंजार, चौपाल,नेरवा,रोहडू, ठियोग, आनी, शाहपुर, चिड़गांव और अम्ब में कूड़ा निस्तारित संयंत्र स्थापित करने अथवा डंप करने के लिए चयनित स्थानों से जुड़े मुद्दों पर केंद्र सरकार की ओर से विशेष हिदायत पेश करने के आदेश भी दिए। सुनवाई के दौरान कोर्ट को यह भी बताया गया कि पालमपुर में 5 टन प्रतिदिन बायोमीथेनेशन संयंत्र स्थापित करने की योजना है। कोर्ट ने पालमपुर नगर निगम (Palampur Municipal Corporation) से इस संयंत्र से जुड़ी स्टेट्स रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए। मामले पर सुनवाई 11 मई को निर्धारित की गई है।
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