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शिमला। हाईकोर्ट (High Court) ने सब्सिडी के नाम पर किए गए घोटाले की जांच करने के एसडीएम घुमारवीं (SDM Ghumarwin) जिला बिलासपुर को आदेश जारी किए हैं। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने 6 सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष दाखिल करने के आदेश जारी किए हैं। प्रार्थी ने न्यायालय के समक्ष यह दलील दी थी कि प्रतिवादी सरकार ट्रैक्टर (Tractor) पर सब्सिडी देने के मामले में पिक एंड चूज़ की नीति अपना रही है। उसे इस आधार पर सब्सिडी (Subsidy) देने के लिए मना किया गया कि उसके पास पहले से ही एक ट्रैक्टर है और वह राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सब्सिडी लेने का हकदार नहीं है, जबकि अन्य समान स्थित वाले कई व्यक्ति भी हैं, जिन्हें सब्सिडी दे दी गई।
प्रार्थी ने इसी तरह के लोगों की उनके ट्रैक्टर के पंजीकरण के साथ सूची न्यायालय के समक्ष रखी। इन परिस्थितियों में न्यायालय ने उस सच्चाई को महसूस किया, जिसे जानने की जरूरत थी। इसलिए न्यायालय ने एसडीएम घुमारवीं को यह निर्देशित करना उचित समझा कि वह शिकायतकर्ता और सभी हितधारक आरोपियों को शामिल करने के बाद मामले की विस्तृत जांच करें और छः सप्ताह की अवधि के भीतर न्यायालय में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान मामले से जुड़ा तमाम रिकॉर्ड मंगाया था, लेकिन प्रतिवादी केवल किसानों के आवेदन फार्म (Application Form) के साथ लगे शपथ पत्र ही न्यायालय के समक्ष पेश कर पाए। किसी भी रिपोर्ट को पेश नहीं किया गया, जिसकी जांच इन शपथ पत्रों की सामग्री की शुद्धता और सत्यता करने के लिए फ़ील्ड एजेंसी द्वारा की गई हो। रिकॉर्ड को सील करने और वापस सौंपने का आदेश दिया गया, ताकि एसडीएम को जांच के दौरान संबंधित रिकॉर्ड सौंप दिया जाए।
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