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फोरलेन निर्माण के मलबे को गोविंद सागर झील में फेंकने पर वन विभाग के सचिव नपे-देना होगा जवाब
शिमला। कीरतपुर-मनाली फोरलेन निर्माण के मलबे (Debris of Kiratpur-Manali Four-lane Construction) को गोविंद सागर झील (Govind Sagar lake) में फेंकने पर हाईकोर्ट ने वन विभाग के सचिव (Forest Department Secretary) को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अदालत ने झील में किसी भी तरह की डंपिंग करने पर तुरंत प्रभाव से रोक भी लगा दी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने फोर-लेन विस्थापित और प्रभावित समिति के महासचिव मदन लाल द्वारा दायर जनहित में याचिका पर ये आदेश पारित किए। प्रार्थी के अनुसार नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने ठेकेदार को कीरतपुर-मनाली सड़क को चौड़ा करने का कार्य सौंपा है। स्थानीय लोगों के कठोर विरोध के बावजूद भी भाखड़ा बांध जलाशय में अवैध रूप से सड़क का मलबा फेंका जा रहा है। इसके बारे में स्थानीय प्रशासन और एनएचएआई को कई शिकायत की गई हैं।
पर्यावरण को हो रहा है नुकसान
प्रार्थी के अनुसार बिलासपुर के बरमाणा और तुनहु में एम्स के पास मलबे को डंप किया जा रहा है। इसके अलावा रघुनाथपुर-मंडी भराड़ी सड़क को चौड़ा करते समय मलबे को बिलासपुर जिले में भाखड़ा बांध के जलाशय में अवैध रूप से डंप किया जा रहा है। प्रार्थी के अनुसार अवैध डंपिंग से न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है बल्कि, झील में मछलियों की कमी भी देखी जा रही है। इसका मुख्य कारण झील में अवैध डंपिंग से गाद के स्तर में वृद्धि है। गाद की वजह से बिलासपुर जिले के सबसे बड़े जल निकाय गोविंद सागर में विभिन्न मछली प्रजातियों के प्रजनन को नुकसान पहुंचाया गया है।
अवैध डंपिंग के कारण मछलियों के प्रजनन में भी कमी दर्ज
51 मछली प्रजातियों जैसे कि सिल्वर कार्प, सिंहरा, महेसेर, और जीआईडी के साथ गोविंद सागर राज्य के महत्वपूर्ण मत्स्य पालन का केंद्र था। अवैध डंपिंग के कारण यहां अब मछलियों के प्रजनन में भी कमी दर्ज की गई है। हिमाचल प्रदेश रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के ठेकेदार पर मंडवान और अन्य नालों में मलबे के ट्रक को खाली करने का आरोप लगाया गया है। प्रार्थी ने अदालत से गुहार लगाई है कि गोविंद सागर में अवैध डंपिंग पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए और दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। मामले पर आगामी सुनवाई 12 जून को निर्धारित की है।
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