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हिमाचल: सड़क निर्माण में आई निजी भूमि के मालिकों को 25 साल बाद मिलेगा मुआवजा
Last Updated on November 3, 2022 by sintu kumar
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने तहसील पच्छाद के तहत 25 साल पहले बनी नारग वासनी सड़क के याचिकाकर्ता (Land Owners) को भू अधिग्रहण मुआवजा (Compensation) देने के आदेश दिए। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा ने कओखी खानगोग गांव निवासियों की याचिका को स्वीकारते हुए प्रभावित याचिकाकर्ताओं को 6 माह के भीतर मुआवजा राशि देने के आदेश दिए। कोर्ट ने लोक निर्माण विभाग को आदेश दिए कि वह नारग वासनी सड़क के लिए इस्तेमाल की गई प्रार्थियों की जमीन का कानून के अनुसार अधिग्रहण करे। मामले के अनुसार उप तहसील नारग में करीब 25 वर्ष पूर्व नारग वासनी सड़क का निर्माण किया गया था।
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प्रार्थी रघुनाथ सिंह, सतेंद्र सिंह, गरीब देवी, राजेंद्र सिंह, हेम लता व नरेश कुमार की जमीन को बिना अधिकृत किए लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) ने इस सड़क निर्माण (Road Construction ) में इस्तेमाल कर लिया। प्रार्थियों का आरोप था कि इस सड़क के कुछ भू मालिकों को वर्ष 2009 में मुआवजा दे दिया गया और वर्ष 2014 में बढ़ाया भी गया। सरकार ने प्रार्थियों का दावा इसलिए खारिज कर दिया कि उन्होंने मुआवजा राशि मांगने में 25 वर्षों की देर कर दी। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की दलीलों से सहमति जताते हुए कहा कि विभाग को प्रार्थियों की जमीन का कानून के अनुसार अधिग्रहण करना चाहिए था। कोर्ट ने कहा कि प्रार्थियों का हक देरी के आधार पर दबाया नहीं जा सकता। कल्याणकारी सरकार होने के नाते विभाग को कानून का पालन करते हुए भू अधिग्रहण करना चाहिए था।
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