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हिमाचल हाईकोर्ट : नाबालिग से दुराचार मामले में दो डॉक्टरों की जमानत याचिका खारिज
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court ) ने नाबालिग से दुराचार करने के आरोप से जुड़े एक मामले में दो डॉक्टरों की जमानत याचिका खारिज (Rejects Bail Plea) कर दी। न्यायाधीश सत्येन वैद्य ने अभियोजन पक्ष द्वारा न्यायालय के समक्ष पेश किए गए रिकॉर्ड का अवलोकन के पश्चात यह पाया कि प्रथम दृष्टया दोनों आरोपियों का इस अपराध में शामिल होना प्रतीत होता है। जिस कारण उन्हें जमानत पर छोड़ा जाना कानूनी तौर पर वाजिब नहीं होगा।
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अभियोजन पक्ष द्वारा न्यायालय को बताया गया कि दोनों आरोपियों ने नाबालिक से दुराचार (Minor Rape Case) किया जिस कारण पुलिस स्टेशन पौंटा साहिब में दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 506 व पोक्सो एक्ट की धारा 6 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया। दोनों आरोपियों के खिलाफ 6 अगस्त 2022 को सक्षम न्यायालय के समक्ष अभियोग चलाने के लिए चालान पेश किया जा चुका है। प्रार्थियों के अनुसार उन्हें इस मामले में झूठे तौर पर फंसाया गया है। कोर्ट ने रिकॉर्ड का अवलोकन करने के पश्चात पाया कि उक्त प्रकरण को लेकर प्राथमिकी दर्ज करवाने में भी देरी हो चुकी थी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्राथमिकी दर्ज करवाने में हुई देरी प्रार्थियों को जमानत पर रिहा करने के लिए पर्याप्त नहीं है विशेषता जब इन दोनों के खिलाफ संगीन आरोप लगे हैं और इन दोनों का इस कृत्य में प्रथम दृष्टया संलिप्त होना प्रतीत होता है।
शव जलाने में आ रही दिक्कत पर एमसी शिमला को नोटिस
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने समरहिल शिमला (Shimla) के तहत गांव बाग व आसपास के क्षेत्र में शवों को जलाने में आ रही परेशानी को लेकर दायर याचिका में नगर निगम शिमला (Municipal Corporation Shimla) को नोटिस (Notice) जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश अमजद ए सैयद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने नगर निगम शिमला से तीन सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है। प्रार्थी जीत राम पंवर ने याचिका में आरोप लगाया है कि बाग गांव व आसपास के क्षेत्र के लोगों को अपने नजदीकियों की मौत के बाद उनके दाह संस्कार को लेकर भारी मुश्किलों का सामना करना पड रहा है।
शमशान घाट के जीर्णोधार में हो रही देरी के कारण यह समस्या पेश आ रही है। प्रार्थी ने कोर्ट को बताया कि नगर निगम शिमला ने टूटीकंडी वार्ड नंबर 10 में प्रस्तावित शमशान घाट के निर्माण के लिए अनुमानित साढ़े ग्यारह लाख रुपए का प्रोजेक्ट तैयार किया है। इसे स्वीकृति के लिए सक्षम अथॉरिटी के लिए भी भेजा जा चुका है। प्रार्थी के अनुसार नगर निगम ने माना है कि सारी प्रक्रिया का पालन करते हुए बजट प्राप्त होते ही काम शुरू कर दिया जाएगा। प्रार्थी का आरोप है कि एक माह बीत जाने पर भी इस प्रोजेक्ट पर कोई स्वीकृति नहीं दी गई है और स्थानीय लोगों को शवों के दाह संस्कार को लेकर परेशानियां उठानी पड़ रही है।