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10वीं और 12वीं रिजल्ट के तय क्राइटेरिया से हिमाचल अध्यापक संघ खफा
Last Updated on June 13, 2021 by
शिमला। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ (Himachal Government Teachers Association) के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड पर छात्रों के हित से खिलवाड़ करने का आरोप जड़ा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड (Himachal Board of School Education) का 10वीं और 12वीं का रिजल्ट (Result) निकालने के लिए तय क्राइटेरिया (Criteria) मेरिटोरियस छात्रों के हित में नहीं है। चौहान ने हैरानी जताई कि शिक्षा बोर्ड ने इतने बड़े निर्णय लेने से पहले पंजीकृत शिक्षक संघों एवं शिक्षाविद और अभिभावकों से भी मंत्रणा करना उचित नहीं समझा। चौहान ने कहा कि 10वीं और 12वीं के हिंदी (Hindi) और अंग्रेजी (English) का जो पेपर हुआ है, उसके लिए मानदंड लगाना कितना तर्कसंगत है। उन्होंने उदाहरण देकर कहा कि बहुत से छात्र जिनके अंग्रेजी या हिंदी के एनुअल पेपर में 85 या 90 नंबर आ रहे हैं और प्री-बोर्ड, फर्स्ट, सेकंड टर्म के क्राइटेरिया के आधार पर 40 नंबर प्री बोर्ड के रख दिए गए हैं और केवल मात्र पांच नंबर ही एनुअल पेपर के क्राइटेरिया में रखे गए हैं तो क्राइटेरिया के आधार पर यदि छात्र के कुल मार्क्स 80 ही बनते हो तो उस छात्र को 90 नंबर की जगह जो उसने वार्षिक परीक्षा (Annual Exam) में वास्तव में अर्जित किए हैं उसके स्थान पर 80 नंबर देना कितना उचित है। यह एक बहुत बड़ी खामी शिक्षा बोर्ड के क्राइटेरिया में झलक कर सामने आ रही है, जिससे अच्छे छात्रों के भविष्य के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ हो सकता है।
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चौहान ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए बोर्ड को सलाह दी कि क्राइटेरिया में दोनों विकल्प रखे जाएं, छात्रों द्वारा क्राइटेरिया में लिए गए नंबर अथवा वार्षिक परीक्षा में अर्जित किए गए नंबर में से जो ज्यादा हैं, वह नंबर छात्र को मिलने चाहिए। वैसी भी प्री बोर्ड परीक्षाएं (Pre Board Exams) जिसके लिए हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ और अन्य संगठन व अभिभावक और शिक्षाविद् इसके पक्ष में नहीं थे और ना ही छात्र पूरी तरह से इन परीक्षाओं को देने के लिए मानसिक रूप से तैयार थे, इसलिए इन परीक्षाओं को छात्रों के वार्षिक परिणाम के लिए 40 फीसदी का आधार बनाना संघ को रास नहीं आ रहा है, यह सरासर छात्रों के साथ अन्याय व ज्यादती लग रहा है। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur), शिक्षा मंत्री, शिक्षा विभाग एवं हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड से अनुरोध करता है कि इस पर पुनर्विचार किया जाए और अर्जित किए गए अंकों के आधार पर ही अन्य पेपर का भी क्राइटेरिया में जगह रखी जाए। केवल मात्र फेल हो रहे छात्रों के लिए ये क्राइटेरिया अपनाया जाए, क्योंकि मेरिटोरियस छात्रों (Meritorious Students) को इससे उनकी मेरिट में नुकसान हो सकता है। संघ के अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें प्रदेश की विभिन्न कोनों से स्कूल प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों के फोन आ रहे हैं और वे छात्रों के हित में इस क्राइटेरिया में कुछ बदलाव की मांग कर रहे हैं, इसलिए संघ छात्र हित में सरकार व शिक्षा बोर्ड के समक्ष अपना पक्ष रख रहा है। इस संदर्भ में संघ लिखित में भी हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड को एक ज्ञापन सौंपने वाला है।
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