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5जी के जमाने में भी लाहुल के मतदाताओं के सामने मोबाइल नेटवर्क का चैलेंज
शीत मरुस्थल (Cold Desert)कहे जाने वाले लाहुल-स्पीति (Lahaul Spiti) की प्राकृतिक छटा से कौन वाकिफ नहीं होगा। अब तो अटल टनल (Atal Tunnel) ने इसे विश्व मानचित्र पर लाकर खडा कर दिया है। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) का ये जनजातीय जिला अपने खाते में एक ही विधानसभा सीट (Assembly Seat) के साथ विधानसभा में दस्तक देता है। अगर यहां के राजनीतिक समीकरण की बात की जाए तो जब से यहां अटल टनल बनी है तब से यहां का राजनीतिक समीकरण भी बदला है। ऐसा इसलिए क्योंकि अटल टनल बनने से पहले यह क्षेत्र एक लंबे समय तक बर्फ की आगोश में रहता था, जिसकी वजह से इस क्षेत्र में आना.जाना मुश्किल हो जाता था, अब ऐसा नहीं है। लाहुल-स्पीति से बीजेपी के डॉ रामलाल मार्कंडेय (Dr. Ramlal Markanda) विधायक होने के साथ-साथ जयराम सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में बीजेपी के डॉ रामलाल मार्कंडेय को 45.6 प्रतिशत वोट और कांग्रेस के रवि ठाकुर को 36.9 प्रतिशत वोट मिले थे। इन चुनाव में रवि ठाकुर को 1478 वोटों के मार्जन से हार का सामना करना पड़ा था।
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लाहुल-स्पीति में मतदाताओं की संख्या 32 हजार है, जिनमें से 23 हजार से ज्यादा लोग अपने वोट का प्रयोग करते हैं, इसमें लगभग 12 हजार वोटर पुरुष हैं जबकि लगभग 12 वोटर ही महिलाएं हैं। हिमाचल प्रदेश की लाहुल-स्पीति सीट पर 1972 में कांग्रेस (Congress) से लता, 1977 में जेएनपी से देवी सिंह, 1982 में कांग्रेस से देवी सिंह इसके बाद 1985 में भी कांग्रेस से देवी सिंह, 1990 में कांग्रेस से फंचोंग राय, 1993 में कांग्रेस फंचोंग राय, 1998 में एचवीसी से डॉ राम लाल मार्कंडेय, 2003 में कांग्रेस रघुबीर सिंह, इसके बाद 2007 में बीजेपी (BJP) से डॉ रामलाल मार्कंडेय, 2012 में कांग्रेस से रवि ठाकुर और फिर 2017 में बीजेपी से डॉ रामलाल मार्कंडेय ने जरत दर्ज करवाई।
लाहुल-स्पीति हिमाचल का दूर-दराज का जनजातीय क्षेत्र है। आज भले ही मैदानी इलाको में 5 जी नेटवर्क (5G Network) की बात की जाती है, लेकिन हिमाचल प्रदेश का लाहुल स्पीति एक ऐसा क्षेत्र है जहां के लोग आज भी मोबाइल नेटवर्क (Mobile Network) के लिए परेशान रहते हैं। यहां के लोगों का कहना है कि ये परेशानी कम होने की बजाए पिछले 5 साल में और ज्यादा बढ़ी है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी सड़कों की हालत अभी तक ठीक नहीं हुई है। इसके अलावा इस इलाके की ऊंचाई काफी ज्यादा होने की वजह से ग्रामीण क्षेत्र आज तक सिंचाई व्यवस्था के अभाव में हैं। खैर अबकी बार देखना होगा कि लाहुल-स्पीति के मतदाता क्या समीकरण बिठाते हैं।