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शिमला। हिमाचल (#Himachal) के ऊर्जा मंत्री सुख राम (Energy Minister Sukh Ram) ने बताया कि राज्य में बिजली का मीटर लगाने के लिए उपभोक्ताओं से अब पुरानी निर्धारित सिक्योरिटी राशि (Security Amount) ही ली जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को हाईकोर्ट (High Court) से बड़ी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि बिजली का मीटर लगाने के लिए उपभोक्ताओं से ली जाने वाली सिक्योरिटी राशि जो बढ़ गई थी, उसे कोर्ट द्वारा सरकार के आग्रह पर स्थगित कर दिया है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेशानुसार मामले की पुनः समीक्षा की जाएगी, ताकि उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ ना पड़ें।
वहीं, बिजली बोर्ड के एक प्रवक्ता ने मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड (Himachal Pradesh State Electricity Board Limited) ने नए बिजली मीटर की सिक्योरिटी राशि बढ़ाने संबंधी आदेशों पर जनहित में रोक लगा दी है। इस बारे में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की परेशानियों को समझते हुए और इस बारे में संज्ञान लेते हुए हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में पुनर्विचार संबंधी याचिका बोर्ड ने दायर की थी, जिसका निर्णय आज हिमाचल हाईकोर्ट ने दे दिया है। हाईकोर्ट ने बोर्ड की इस याचिका पर हिमाचल विद्युत नियामक आयोग को पुनर्विचार करने संबंधी आदेश सुनाएं हैं।
बता दें कि बिजली बिल की बकाया राशि वसूली के एक मामले में हाईकोर्ट के आदेशों के बाद बिजली बोर्ड ने बिजली मीटर लगाने की सिक्योरिटी राशि चार गुना बढ़ा दी थी। इससे उपभोक्ताओं में हल्ला मच गया था। वहीं, विपक्ष ने भी कोरोना काल में बिजली मीटर की सिक्योरिटी राशि चार गुना बढ़ाने पर सरकार को आड़े हाथ लिया था। जब मामला ऊर्जा मंत्री के संज्ञान में आया तो उन्हें भी सिक्योरिटी राशि ज्यादा लगी। उन्होंने सीएम जयराम ठाकुर से इस बारे बात की और पुनर्विचार संबंधी याचिका बोर्ड ने हाईकोर्ट में दायर की। इस याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने बढ़ी हुई राशि को स्थगित करने का फैसला सुनाया। साथ ही हिमाचल विद्युत नियामक आयोग को पुनर्विचार करने को कहा है।
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