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High Court: जेबीटी शिक्षकों से संबंधित सरकार की पुनर्विचार याचिका खारिज
Last Updated on March 6, 2021 by Vishal Rana
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने जेबीटी शिक्षकों (JBT Teachers) के अनुबंध पीरियड को पेंशन (Pension) व वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए गिने जाने संबंधित फैसले पर सरकार द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने पुनर्विचार याचिका (Petition) को खारिज करते हुए कहा कि उनके द्वारा दिए गए फैसले में कोई त्रुटि नहीं है। उल्लेखनीय है कि जगदीश चंद व अन्य याचिकाकर्ताओं के मामले में हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय के अनुसार प्रार्थियों द्वारा अनुबंध आधार पर जेबीटी शिक्षक के तौर पर दी गई सेवाओं को पेंशन के लिए क्वालीफाइंग सर्विस व वार्षिक वेतनवृद्धि के लिए गिने जाने के आदेश दिए थे।
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हाईकोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ सरकार ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसे खंडपीठ ने ख़ारिज कर दिया। प्रार्थियों के अनुसार जब विद्या उपासकों के कार्यकाल को पेंशन व वार्षिक वेतन वृद्धि (Annual Increment) के लिए गिना जा सकता है, तो उनसे बेहतर स्थिति में होते हुए उनके अनुबंध कार्यकाल को भी इन लाभों के लिए गिना जाना चाहिए। कोर्ट (Court) ने प्रार्थियों की दलीलों से सहमति जताते हुए उनके अनुबंध सेवाकाल को पेंशन व वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए गिनने के आदेश दिए थे।
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